जगत गुरु संत रविदास जी
माघ पूर्णिमा जन्म लिया, कुटुंब था रैदास
साधु संत की संगत की, कहलाए रविदास|
जो सतगुरु-जगतगुरु बने, महापुरुष महान
उन कल्याणी महिमा का, हो जग में गुणगान|
आध्यात्मिक मानव हुए, पाया अर्जित ज्ञान
रामानंद के शिष्य बने, उज्जवल किया नाम|
कबीर के गुरु भाई थे, बहुत मधुर व्यवहार
पूर्ण जगत को बता गए, प्रेम सृजन का सार|
महत्वपूर्ण संदेश दिया, जगत है एक धाम
ईश्वर तो बस एक है, रहीम हो या राम|
वाणी में भक्ति भावना, हित का थी अंबार
भजनों में दिखती करुणा, करती परोपकार|
"मन ही पूजा मन ही रूप", बता गए रविदास
"मन ही सेऊँ सहज सरूप", दिखा गए रविदास|
रचयिता
संगीता गौतम जयाश्री,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐमा,
विकास खण्ड-सरसौल,
जनपद-कानपुर नगर।
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