शिक्षा घर-घर फैले
शिक्षा घर-घर फैले,
बालक शिक्षा से खेले।
मिटे जग अँधियारा
फैले शिक्षा श्वेत धवल।
जगत का मिटे तम,
जाति पाति हो खतम।
इंसान, इंसान बने,
शिक्षा सन्देश असल।
झूठे सच्चे वादे ना हों
कूटनीति दर्प ना हो।
विकास आधार बने
राजनीति हो नवल।
मिले जीवन का सुख
छोड़े जगत का दुख।
खुशी से जीवन कटे
दुर्बल हो या हो सबल।।
रचयिता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उदयापुर,
विकास खण्ड-भीतरगाँव,
जनपद-कानपुर नगर।
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