५३२~ अनमोल रत्न निमिषा वर्मा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय शान्तिपुरी नम्बर 4, ब्लॉक - रुद्रपुर, जनपद- ऊधम सिंह नगर, उत्तराखण्ड

               🏅अनमोल रत्न🏅


मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद परिवार के माध्यम से देवभूमि उत्तराखण्ड से अनमोल रत्न शिक्षक बहन निमिषा वर्मा जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच, समर्पित प्रयास और व्यवहार कुशलता से जहाँ भी जिस विद्यालय में सेवा की उस विद्यालय को शिक्षण गतिविधियों का केन्द्र बनाते हुए सामाजिक विश्वास का प्रतीक बनाने में सफलता प्राप्त की है जो हम सभी के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयास हैं।

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आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ रोचक एवं अनुकरणीय प्रयासों को :-
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👉1..शिक्षक का परिचय :-
निमिषा वर्मा
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय शान्तिपुरी नम्बर 4, ब्लॉक - रुद्रपुर, जनपद- ऊधम सिंह नगर, उत्तराखण्ड
प्रथम नियुक्ति : 08-01-2002
वर्तमान विद्यालय में नियुक्त : 17-03-2021
राजकीय प्राथमिक विद्यालय फूलबाग सेण्टर में 19 वर्ष की सेवा प्रदान करने के पश्चात कोरोना काल में मार्च, 2021 में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय शान्तिपुरी नम्बर 4 में पदोन्नत।

👉2- विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने के प्रयास :
🪴A- स्वयं के प्रयास:
➡️विद्यालय की जीर्ण-शीर्ण अवस्था में सुधार।
➡️विद्यालय की वृहद मरम्मत।
➡️विद्यालय में चहारदीवारी न होने के कारण तथा विद्यालय बस्ती के बीच होने के कारण विद्यालय नशा करने का प्रमुख स्थान बना हुआ था, इसे रोकने के लिए चहारदीवारी का निर्माण।
➡️समय-समय पर बस्ती में जाकर अभिभावकों से मिलना तथा उन्हें शिक्षा का महत्व समझाना।
➡️यदि कोई बच्चा अनुपस्थित हो तो तुरन्त अभिभावक को फोन करना, जरूरत पड़ने पर प्रधानाध्यापक की आज्ञा से उसके घर जाना और अनुपस्थिति के कारणों का पता लगाना।
🪴B- अन्य शिक्षकों के सहयोग से:
➡️विद्यालय में अन्य शिक्षकों की मदद से आम, अमरूद, शहतूत, करोंदा, नींबू तथा कई सजावटी पौधे लगाए गए।
➡️समय-समय पर बच्चों को कॉपी, पेन्सिल आदि वितरित करना।
➡️विद्यालय में स्पीकर तथा माइक की व्यवस्था।
➡️विद्यालय में समय-समय पर विशेष भोज का आयोजन।
➡️विद्यालय में बाल शोध मेले का आयोजन।
➡️प्रेजेण्टेशन बोर्ड का निर्माण, जिसमें बच्चे अपनी मर्जी से अपने किए गए कार्य को चस्पा कर सकते हैं। बच्चे बड़े उत्साह से अपनी कविता, कहानी, चित्रकला आदि बोर्ड में लगाते और खुश होते हैं।
➡️ शुरू-शुरू में बच्चे अक्सर कॉपी नहीं लाते थे। आर्थिक तंगी व अन्य कारणों से उनके अभिभावक काॅपी दिलवाने में असमर्थ थे, कई बच्चे कॉपी घर भूल आते थे, इस समस्या का निदान करने के लिए अपने कक्ष-कक्ष में एक लर्निंग कॉर्नर बनाया गया। कक्षा के सभी बच्चों के लिए कॉपी खरीदी जाती। सब बच्चों की कॉपी लर्निंग कॉर्नर में ही रहती। इन कॉपी को बच्चे घर नहीं ले जाते थे। इसके साथ ही बच्चों के लिए पेन्सिल, रबर, कटर भी रहता। बच्चे काम करके सभी समान सम्भाल कर भी रखते। इससे बच्चों में जिम्मेदारी का भाव भी उत्पन्न होता।
➡️वर्तमान विद्यालय में भी सात महीनों के अन्दर शिक्षकों की मदद से तीनों कक्षाओं में ग्रीन बोर्ड की व्यवस्था।
➡️ब्लूटूथ पोर्टेबल स्पीकर, माइक आदि की व्यवस्था।
🪴C- जनप्रतिनिधि के सहयोग से:
➡️ विद्यालय की देख-रेख हेतु गार्ड की व्यवस्था करवायी गयी।
➡️पर्यावरण संरक्षण व संवर्द्धन हेतु समय-समय पर विद्यालय में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
🪴D- शासन के सहयोग से:
➡️शासन तथा शिक्षकों की मदद से विद्यालय में पुस्तकालय का निर्माण करवाया गया। पुस्तकालय से प्रत्येक दिन बच्चों को पढ़ने के लिए किताबें दी जाने लगीं। बच्चे किताबों को घर भी ले जा सकते थे।
🪴E- जन सहभागिता से:-
➡️ विद्यालय में विभिन्न साँस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन।
➡️मतदाता दिवस, स्वच्छता सम्बन्धी कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक आदि का आयोजन।
🪴F- अन्य सहयोग से:-
➡️ समुदाय के सहयोग से शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों को लुमैक्स कम्पनी का भ्रमण करवाया गया।
➡️ बच्चों को स्वेटर तथा जूते वितरित करवाये गये।
➡️वर्तमान विद्यालय में भी समरसेवर की व्यवस्था।
➡️पानी की समस्या में सुधार।









👉3- किए गये प्रयासों का परिणाम:
🪴A- प्रयास से पहले और प्रयास के बाद नामांँकन:-
➡️ विद्यालय द्वारा किये गये अभिनव प्रयोगों व अन्य प्रयासों से नामांँकन बढ़ने लगा। जहाँ पहले 180, 185 बच्चे थे छात्र संख्या बढ़कर 215 तक हो गई।
➡️वर्तमान विद्यालय में भी छात्र संख्या 17 से बढ़कर 23 हो गई।
🪴B- वर्तमान उपस्थिति का प्रतिशत:-  ➡️उपस्थिति 75% से अधिक, कुछ बच्चों का उपस्थिति प्रतिशत 90% भी रहा।
🪴C- प्रतियोगिताओं में सफल छात्रों की संख्या-:
समय-समय पर बच्चे प्रतिभाग करते व पुरस्कार जीत कर लाते हैं।
👉4- विद्यार्थियों की उपलब्धियाँ:-
➡️ विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे कला, दौड़ आदि में बच्चों ने जनपद स्तर तक प्रतिभाग किया।
👉🏻संकुल स्तर पर कविता पाठ
वर्तमान विद्यालय में जनपद स्तर हेतु Science inspire award के लिए बच्चे का चयन।
➡️संकुल स्तरीय विज्ञान प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान।

🪴A- विद्यार्थियों द्वारा प्राप्त पुरस्कार विवरण:
➡️ दो से ज्यादा बार दौड़ प्रतियोगिता में जनपद स्तर पर प्रथम।
➡️जनपद स्तर पर कला प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान।
🪴B- विद्यार्थियों की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का विवरण:
निरन्तर प्रयासरत रहते हैं।
🪴C- विद्यार्थियों की अन्य उपलब्धियाँ:
निरन्तर प्रयासरत रहते हैं।
➡️विद्यालय के बच्चों को जनपद स्तरीय बाल शोध मेले में प्रतिभाग। बच्चों के द्वारा बाल शोध पर आधारित नाटक भी जनपद स्तर तक प्रस्तुत।
👉5- विद्यालय की प्रेरक शिक्षण, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियाँ:-  
➡️ बच्चों को किताबी ज्ञान के अतिरिक्त उनमें "करके सीखना" की प्रवृत्ति का विकास।
➡️बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देना। इससे बच्चों का विद्यालय के प्रति लगाव बढ़ता है।
➡️उपस्थिति दर पर प्रभाव।
➡️बच्चों से बाल अखबार बनवाकर उनकी प्रदर्शनी लगवाना।
➡️समय-समय पर विभिन्न रैलियों का आयोजन।
➡️संपर्क फाउण्डेशन के प्रमुख विनीत नायर जी से बच्चों की मुलाकात।













👉6 - शिक्षकों और विद्यालय की उपलब्धियां:-
⭐A- शिक्षकों के नवाचारों का विवरण:-
➡️ Presentation board का निर्माण।
➡️बाल अखबार बनवाना।
➡️बाल शोध मेले का आयोजन।
➡️लर्निंग कॉर्नर का निर्माण।
➡️TLM का अधिकाधिक प्रयोग।
➡️खेल खेल में शिक्षा।
🏅B- शिक्षकों के विभिन्न सम्मानों एवं पुरस्कारों विवरण:
➡️विधायक महोदय श्री राजेश शुक्ला जी द्वारा शिक्षक सम्मान।
➡️नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती मीना शर्मा द्वारा शिक्षक सम्मान।
➡️मिशन शिक्षण संवाद परिवार द्वारा सम्मान व पुरस्कार प्राप्त।
➡️मिशन शिक्षण संवाद उत्तराखण्ड व संस्थापक महोदय द्वारा शिक्षक दिवस पर सम्मानित।
➡️मिशन शिक्षण संवाद उत्तराखण्ड के सहयोग से राज्य स्थापना दिवस पर आदरणीय निदेशक संस्कृत, अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक व बेसिक)  द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

⭐C- शिक्षकों की अन्य उपलब्धियाँ:

➡️अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन द्वारा प्रकाशित पुस्तिका "कोशिश जारी है" में दो बार लेख प्रकाशित।
➡️कोरोना महामारी के समय में मिशन शिक्षण संवाद द्वारा आयोजित ऑनलाइन तकनीकी प्रशिक्षण में प्रशिक्षक की भूमिका।
➡️ 3000 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया।
➡️वर्ष 2021 में मिशन शिक्षण संवाद के द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिताओं हेतु ऑनलाइन क्लास आयोजित की जा रही हैं। मेरे द्वारा इसमें पिछले एक वर्ष से विज्ञान का शिक्षण कार्य किया जा रहा है।
➡️कोरोना काल में बच्चों को यूट्यूब के माध्यम से केवल अपने विद्यालय के बच्चों के लिए नहीं अपितु पूरे राज्य तथा देश के बच्चों के लिए शिक्षण सामग्री तैयार करना और नवोदय की परीक्षा की भी तैयारी करवाना।










👉7 - मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश:- मिशन शिक्षण संवाद एक ऐसी संस्था है जिसके सदस्य निःस्वार्थ भाव से बच्चों के हित के लिए दिन रात कार्य करते हैं । कोरोना के समय में मिशन के द्वारा 3000 से अधिक शिक्षकों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। आइए मिशन के साथ जुड़कर हम भी निस्वार्थ भाव से बच्चों के लिए कार्य करें।

👉8 - शिक्षक समाज के लिए संदेश:-  मिशन आपको वो मंच प्रदान करता है जहांँ आप अपनी मर्जी से बच्चों के हित के लिए नित नए प्रयोग कर सकते हैं तथा अपने मन के भावों, विचारों को एक नया आयाम दे सकते हैं। तो सोच क्या रहे हैं? आइए हम सब मिशन के साथ मिलकर बच्चों के हित के लिए कार्य करें।

👉9- संकलन एवं सहयोग
माधव सिंह नेगी
टीम मिशन शिक्षण संवाद उत्तराखण्ड

नोट : यदि आपने अथवा आपके परिचित किसी शिक्षक साथी ने अपने प्रयासों से शिक्षा के उत्थान,  शिक्षक के सम्मान और मानवता के कल्याण के लिए कुछ अलग हटकर अथवा बेहतर कार्य किया हो तो आप भी अपनी स्टोरी एवं स्टोरी को प्रमाणित करने वाली फोटो को मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर- 9458278429 पर भेज दें अथवा भिजवा दें। क्योंकि श्रम का सदैव सम्मान एवं प्रतिभाओं का प्रोत्साहन होना ही चाहिए। 🙏🙏🙏
सादर निवेदन : टीम मिशन शिक्षण संवाद परिवार
03-02-2022

Comments

  1. मिशन शिक्षण संवाद के सभी सदस्यों का हार्दिक आभार।

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