मेजर सोमनाथ शर्मा

भारतीय सेना की कुमाऊँ रेजीमेंट कंपनी के कमांडर,

31 जनवरी 1923 जन्म लिया पंजाब की धरती पर।

मेजर की उपाधि से किया गया विभूषित,

भारत-पाक संघर्ष में प्रतिभाग किए अक्टूबर-नवंबर।।


1942 में 19वीं हैदराबाद रेजीमेंट में नियुक्ति पाए,

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अराकान अभियान में दीं सेवाएँ।

मेनशन इन डिस्पैचेज में भी स्थान था मिला,

मलय अभियान का बन हिस्सा सैकड़ों सैनिकों की जान बचाए।।


3 नवंबर बडगांव क्षेत्र में मेजर की हुई तैनाती,

घुसपैठियों को बेदखल करने में पाई वीरगति।

आक्रमणकारियों को उनकी औकात दिखा दी,

प्रथम व्यक्ति रहे परमवीर चक्र से सम्मानित।।


भाई की पत्नी थी परमवीर चक्र की डिजाइनर,

सोचा नहीं था कि आएगा यह उनके अपने घर।

परमवीर विजेता पर टीवी श्रंखला का हुआ निर्देशन,

15 तेल वाहक जहाजों के नाम चक्र विजेताओं के नाम पर।।


शौर्य और अदम्य साहस के प्रतीक थे सोमनाथ,

कर्नल के एस थिमैया के साथ काम किए सोमनाथ।

इतिहास बनकर न रह जाएँ कहीं ये चक्र विजेता,

बच्चे-बच्चे की जुबां पर सदियों रहेंगे मेजर सोमनाथ।।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।


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