वीर रानी लक्ष्मी बाई
आज का दिन वीरता का दिन है,
सुकुमारी सी रानी के जन्म का दिन है।
झाँसी ही नहीं पूरे देश को गर्व है,
उस वीरांगना नारी की बहादुरी
पर आँख नम हैं।
दुश्मन को धूल चटाई थी,
तभी तो मर्दानी कहलाई थी।
पीठ पर बाँध अबोध पुत्र को,
वो जरा भी नहीं सकुचाई थी।
भारत माता की लाज उसने बचाई थी।
झाँसी नहीं दी और वीरगति पाई थी,
आज़ाद बने देश मेरा, यह कसम उसने खाई थी।।
बुंदेले हरबोलों के मुख हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी, मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी।
नतमस्तक हर नर, नारी और बच्चा,
जिस रानी ने अंग्रेजों से लड़, वीरगति पाई थी।
शत-शत नमन है, दुर्गा का अवतार थी,
ऐसी रानी अमर है,
वो ना कभी मृत हो पाई है।।
रचयिता
सीमा अग्रवाल,
सेवानिवृत्त सहायक अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय हाफ़िज़पुर उबारपुर,
विकास क्षेत्र - हापुड़,
जनपद - हापुड़।
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