छठ पर्व
कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को इसे मनाया जाता,
हिंदू पर्व बहुत ही उत्सुकता से बताया जाता।
सूर्य उपासना का अनुपम लोक पर्व हुआ,
बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, नेपाल में मनाया जाता।।
बिहारियों का यह सबसे बड़ा पर्व,
उनकी संस्कृति का यह अनूठा है पर्व।
वैदिक काल से इसका चलन हुआ है,
इसी संस्कृति की झलक दिखाता पर्व।।
सूर्य, ऊषा, प्रकृति ,जल, छठी मैया को समर्पित,
पृथ्वी पर आगमन हो देवताओं का प्रसन्नता को अर्पित।
शुभकामनाएँ देने का इसमें अनुरोध किया जाता,
मूर्ति पूजा नहीं शामिल, लिंग विशिष्ट नहीं त्योहार।।
पर्यावरण अनुकूल यह है हिंदू त्योहार,
दीवाली की छठ में इसे मनाने पर विचार।
वर्ष भर में 2 बार होती छठ पूजा,
चैत्र मास, कार्तिक मास का आया सुविचार।।
सुरक्षा एवं स्वास्थ्य लाभ की कामना,
प्राकृतिक सौंदर्य परिवार के कल्याण की चाहना।
नदी तालाब सजाकर किया पूजन का प्रावधान,
मूर्ति रूप में सूर्य देवता की उपासना।।
मुख्य स्रोत सूर्य पत्नी उषा और प्रत्यूषा,
दोनों शक्तियों की होती संयुक्त आराधना।
प्रातःकाल ऊषा सायंकाल प्रत्यूषा को नमन,
सभ्यता के विकास से सूर्य उपासना का बढ़ा चलन।।
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