दीपोत्सव
रंग-बिरंगी रोशनी फैली चहुँओर,
मंगल दीप जल रहे हैं द्वारे-द्वारे।
रघुवर सिया लखन संग आए,
सब दीप जला, दीपोत्सव मना रहे।।
सब घर पधारे लक्ष्मी विनायक,
है मन हर्षित, घर आँगन सजा रहे।
उत्साह, उमंग, मंगल कामनाओं संग,
सब दीप जला, दीपोत्सव मना रहे।।
विधि विधान से कर पूजन वंदन,
वैभव, सुख-समृद्धि का आशीष पा रहे।
"सर्व मंगल मांगल्ये" भाव मन में धार,
सब दीप जला, दीपोत्सव मना रहे।।
खील-बताशे, मिठाई, मोमबत्ती,
उपहार बाँट कुशल क्षेम पा रहे।
फल, मिठाई, व्यंजन की खुशबू संग,
सब दीप जला, दीपोत्सव मना रहे।।
रंगीन आतिशबाजी, पटाखे, फुलझड़ियाँ,
रॉकेट बम नभ को शोभायमान बना रहे।
मस्ती में मस्त सब, कर राग द्वेष दूर,
सब दीप जला, दीपोत्सव मना रहे।।
रचयिता
अमित गोयल,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय निवाड़ा,
विकास क्षेत्र व जनपद-बागपत।
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