विश्व दूरदर्शन दिवस

आज मना रहे हैं विश्व दूरदर्शन दिवस,

संयुक्त राष्ट्र ने घोषित किया यह दिवस।

21 नवंबर 1996 में टेलीविजन फोरम का आयोजन,

मीडिया हस्तियों के संयुक्त राष्ट्र संरक्षण मुलाकात दिवस।।


शैक्षिक और विकास कार्यक्रमों के रूप में शुरू,

टेलीविजन इंडिया नाम हुआ इसका शुरू।

1975 में दूरदर्शन हुआ  नामकरण,

दूरदर्शन नाम से हिंदी पर्याय हुआ शुरू।।


80 के दशक में देश भर में पहुँचा,

1982 में एशियाई खेल घर-घर पहुँचा।

बुनियाद सीरियल ने दिखाया विभाजन का दर्द,

उसके बाद लोकप्रियता का पारा ऊँचा पहुँचा।।


रामायण, महाभारत ने सफलता के छुए आयाम,

तमाम ध्वस्त हो गए थे फिर कीर्तिमान।

गैर हिंदी भाषी राज्यों में भी थी इसकी धूम,

जॉन लोगी बेयर्ड के अविष्कार की मच गई धूम।।


एक वैज्ञानिक उपकरण, जनसंचार का दृश्य श्रव्य माध्यम,

आज खोता सा दिख रहा है अपना मुकाम।

बदलती तकनीक ने लाया व्यापक परिवर्तन,

कहीं दूरदर्शन खो ना दे अपना यह नाम।।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।

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