हुड़दंग

तर्ज - जो राम को लाए हैं


मोहन को बुलाएँगे,

रंग लाल लगाएँगे।

संग सखियों के हम सब,

हुड़दंग मचाएँगे।


दिल ले गया है जब से,

वो कृष्ण कन्हाई रे।

बड़ी डसती है मुझको,

ये बैरन तन्हाई रे।

पल्लू में बाँध तुझको,

तुझे अपना बनाएँगे।

मोहन को बुलाएँगे,

रंग लाल लगाएँगे......


फिर होली आई है,

खुशियाँ संग लाई है।

ऋतु मिलने मिलाने की,

हाँ फिर से आई है।

भर-भर पिचकारी हम,

कान्हा पे चलाएँगे।

मोहन को बुलाएँगे,

रंग लाल लगाएँगे......


यमुना की लहरों ने,

फिर फाग सुनाई है।

कान्हा तेरी मुरली ने,

मेरी नींद उड़ाई है।

संग गोपियों के मोहन,

हम रास रचाएँगे।

मोहन को बुलाएँगे,

रंग लाल लगाएँगे.......


रचनाकार

सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।



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