इंद्रधनुष

ये धरती है रंग-बिरंगी

रंगा हुआ सारा संसार

रंगों के बिन जीवन कैसा 

जैसे घनेरा अंधकार।


इन्ही रंगों का उत्सव लेकर

आता होली का त्योहार

सारी धरती रंगों से सजती

रंग जाता सारा संसार।


ऊँच नीच का भेद हटाकर

सबमें समता का भाव सिखाती

जात-पात का भेद मिटाकर

मानवता का पाठ पढ़ाती।।


क्या मनुष्य क्या सृष्टि देखो

सब हो जाते एकाकार

सारी धरती रंगों से सजती 

रंग जाता सारा संसार।।

              

रचयिता
अंजली मिश्रा,
सहायक शिक्षिका,
प्राथमिक विद्यालय टिकरा,
विकास खण्ड-देवमई, 
जनपद-फतेहपुर।



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