भोला भंडारी

 त्रिजटाधारी भोला भंडारी, शंभू शंकर हे त्रिपुरारी

 कंटक युक्त इस कठिन राह से, मुझे निकालो शरण तिहारी|

           अंतरा 1

 देवों के हित, तुमने गरल पिया

 निर्बल को भी तुमने सबल किया

 राह निहारुँ तुम्हारी बाबा, आओगे कब भंडारी......

 त्रिजटाधारी भोला भंडारी........

          अंतरा 2

 सृष्टि के तुम हो प्रतिपालक

 महादेव तुम सबके हित कारक

 ध्यान मग्न कैलाश पर बैठे, जाऊँ मैं तुम पर वारी.....

 त्रिजटाधारी भोला भंडारी.....

          अंतरा 3

 अर्धनारीश्वर रूप तुम्हारा

 जटा में तुम्हरी गंगा धारा

 नयन तीन औ भाल चंद्रमा, अद्भुत छवि तुम्हारी......

 त्रिजटाधारी भोला भंडारी......


रचयिता

भारती खत्री,

सहायक अध्यापक,

उच्च प्राथमिक विद्यालय फतेहपुर मकरंदपुर,

विकास खण्ड-सिकंदराबाद,

जनपद-बुलंदशहर।

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