वन्यजीव संरक्षण दिवस

जंगली जीव वनस्पतियों की लुप्त जाति है बचाना,

जग में सबको इसकी उपयोगिता है बताना।

इस संबंध में जागरूकता को है बढ़ाना,

संरक्षण हेतु विश्व वन्य जीव दिवस है मनाना।।


तीन मार्च इस दिन को किया गया नामित,

थाईलैंड द्वारा सर्वप्रथम है प्रस्तावित।

वन्यजीवों के अनुवांशिक, वैज्ञानिक अध्ययन को बढ़ावा,

अस्तित्व की रक्षा का उद्देश्य किया प्रेरित।।


वन्यजीवों का भी है हर क्षेत्र में योगदान,

ताकि रूके ना सतत विकास और कल्याण।

बैंकॉक में 3 से 14 मार्च तक सम्मेलन किया आयोजित,

अंतरराष्ट्रीय व्यापार से प्रजातियों को ना हो नुकसान।।


पिछली थीम थी "पृथ्वी पर जीवन कायम रखना",

वन्य जीवों में भी होती जान यह समझना।

संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य इसके अनुयायी,

जीवन में इसके महत्व को विस्मृत ना करना।।


वन्य जीवों का भी होता है अपना जहान,

इनको ना करो मानव तुम हलकान।

सामंजस्य बिठाकर जो तुम काम करोगे,

तुम पाओगे अपना एक अलग मुकाम।।


रचयिता

नम्रता श्रीवास्तव,

प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।

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