शिव महिमा

जो शिव से सच्चा प्रेम करते हैं 

उनके सारे द्वेष क्लेश मिटते हैं।

 

शिव भोला भंडारी है 

सबका पालन हारी है 

इसकी भक्ति में शक्ति है 

जटा में गंगा अनवरत बहती है।

 

हाथ में त्रिशूल, डमरू रहता है 

भाल पर चंद्र दमकता है 

गले में नाग देवता विराजित हैं

साथ में भार्या पार्वती सुशोभित हैं।

 

शिव तो देवों के देव हैं

भैरव, महेश, महादेव हैं 

नंदी, शंकर की सवारी हैं

नटराज, त्रिनेत्रधारी हैं।


संपूर्ण सृष्टि का आधार हैं 

पशुपतिनाथ, महाकाल हैं

ओउम् नमः शिवाय मंत्र कल्याणकारी है

भूतनाथ, विषधर, नीलकंठ, जटाधारी हैं।


जो शिव से सच्चा प्रेम करते हैं

उनके सारे द्वेष क्लेश मिटते हैं।

 

रचयिता
सुषमा मलिक,
सहायक अध्यापक,

कंपोजिट स्कूल सिखेड़ा,

विकास खण्ड-सिंभावली, 
जनपद-हापुड़।

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