गौरैया रानी

गौरैया रानी तुम बड़ी सयानी,

तुम हो मेरी जानी पहचानी।


रोज सुबह आँगन मेरे आ जातीं,

चीं चीं करके गीत सुनातीं,

फुदक-फुदक कर दाना खातीं,

प्यास लगे तो पानी पीतीं।

तुम हो भोली, मधुर है वानी,

 गौरैया रानी तुम बहुत सयानी।


काले नयन पंख भूरे हैं,

मनमोहक सी तेरी चोंच है,

कितने प्यारे पग नन्हें से,

कितने कोमल तेरे अंग हैं,

तेरी चाल बड़ी मस्तानी,

गौरैया रानी तुम बहुत सयानी।


वृक्षों पर तेरा वास है,

मखमली घास से बना तेरा ताज है,

पंख फैलाए उड़ती नभ में,

पूरी धरती पर तेरा राज है,

स्वच्छंद मदमस्त हो तुम नादानी,

 गौरैया रानी तुम बहुत सयानी।


हमें छोड़ तुम दूर न जाना,

रोज सवेरे मेरे आँगन में आना,

तुझे देख मन मेरा हर्षाए,

गोद में आ जा, मेरा जी ललचाये,

तुम कितनी प्यारी हो चिड़िया रानी,

गौरैया रानी तुम बहुत सयानी।


रचयिता
बिधु सिंह, 
एआरपी हिन्दी, 
विकास खण्ड-बिसरख,               
जनपद-गौतमबुद्धनगर।

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