५१६~ खड़क सिंह बोरा, प्रधानाध्यापक, रा० आदर्श प्रा०वि० गागर, क्षेत्र पार्टी, चम्पावत, (उत्तराखंड)

      🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से देवभूमि उत्तराखंड से अनमोल रत्न शिक्षक सहयोगी भाई खड़क सिंह बोरा जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को न सिर्फ बच्चों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना दिया है बल्कि सामाजिक विश्वास का केन्द्र भी बना दिया है जिससे विद्यालय में सामाजिक सहभागिता के साथ बच्चों के नामांकन एवं उपस्थिति में भी सफलता प्राप्त की है जो हम सभी के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयास हैं।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
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👉1-शिक्षक का परिचय :
खड़क सिंह बोरा, प्रधानाध्यापक, रा० आदर्श प्रा०वि० गागर, क्षेत्र पार्टी, चम्पावत, (उत्तराखंड)      
प्रथम नियुक्ति:26/7/2006  वर्तमान  विद्यालय में नियुक्ति : 31/7/2006।      


👉2-विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने के प्रयास:-
👉A-स्वयं के प्रयास:-
31/7/2006 को जब मैंने सहायक अध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य भार गृहण किया तब विद्यालय में 57 बच्चे अध्ययन करते थे और कक्षा-1 से 5 तक सभी बच्चे एक दरी में एक साथ बरामदे में बैठ कर पढ़ाई करते थे। विद्यालय प्रांगण भी ऊबड़ खाबड़ था। धूल भी बहुत होती थी। विद्यालय भवन भी ऐसा बना था जैसे कई वर्षों से पुताई न हुई हो।
  👉1-विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने के लिए मैंने सर्व प्रथम विद्यालय भवन व परिसर को सुंदर बनाने का प्रयास किया भवन की रंगाई-पुताई कराई भवन की दीवारों में सूक्ति वाक्य,आकर्षक चित्र, राज्य व राष्ट्रीय प्रतीकों के चित्र बनाए। विद्यालय परिसर के चारों ओर की झाड़ियों को साफ कर सुंदर फुलवारी बनाई।विद्यालय प्रांगण को गोबर से लिपाई कर धूल से बचने का उपाय किया। विद्यालय में सभी बच्चों को कक्षा वार बैठने के लिए मैटकी व्यवस्था कर व्यवस्थित कक्षा संचालन किया।
👉2-सेवित क्षेत्र के अभिभावकों से सम्पर्क कर बच्चों को नियमित स्वच्छता के साथ विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित किया।
👉3-अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के घर जाकर बच्चों को विद्यालय लाना प्रारंभ किया व गांव में होने वाले उत्सवों व सभी के सुख-दुख के समय उपस्थित होकर सहयोग करना प्रारंभ किया।
👉4-सभी अभिभावकों के साथ मिल कर सेवित क्षेत्र के सभी बच्चे जो शिशु मंदिर, पब्लिक स्कूल में जाते थे उनका नामांकन अपने विद्यालय में करवाया। अब 2007 में विद्यालय की छात्र संख्या 75 हो गई।
👉5-अब विद्यालय में छात्रों के ठहराव के लिए भयमुक्त वातावरण में खेल-खेल में रुचिकर शिक्षण प्रारंभ किया।
👉6-बच्चों के लिए स्वयं से लेखन सामग्री, कापियां आदि की व्यवस्था की क्योंकि अधिकांश बच्चों के पास कलम, स्याही, कापी आदि नहीं होती थी।
👉7-अब विद्यालय के शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिए छुट्टी के बाद व अवकाश, रविवार के दिनों में भी अतिरिक्त कक्षाओं का संचालन किया।
👉8- प्रार्थना सभा को आकर्षक बनाने के लिए हारमोनियम ढोलक के साथ प्रार्थना प्रारंभ किया। प्रार्थना सभा में प्रेरक प्रसंग, आज का विचार, आज के समाचार, आदर्श वाक्य, सामान्य ज्ञान, गणित क्विज, ध्यान, कविता पाठ के साथ घोस के साथ व्यायाम आदि का नियमित आयोजन प्रारंभ किया।











👉9--बाल सभा, वार्षिकोत्सव, बच्चों के जन्मदिन मनाने के साथ राष्ट्रीय पर्वों व होली, दिवाली आदि त्योहारों को बच्चों के साथ मिलकर विद्यालय में आयोजित कर बच्चों की झिझक दूर कर बच्चों को प्रतिनिधित्व के लिए तैयार करने का प्रयास।
👉10-विभागीय खेल कूद प्रतियोगिता, सपनों की उड़ान, बालमेला, मां बेटी मेला आदि के लिए बच्चों को तैयारी कराकर प्रतिभाग कराना। 👉11- राजीव नवोदय, जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा की तैयारी करना, बच्चों को स्वयं प्रतिभाग कराना प्रारंभ किया
👉12-  विभाग से विद्यालय में अतिरिक्त कक्षा- कक्ष का निर्माण कराना।
👉13-बच्चों के लिए सुंदर ट्रैक सूट की व्यवस्था कराना।
👉14-स्वयं के प्रयासों से विद्यालय में कंप्यूटर की व्यवस्था करना।
👉15-बच्चों के लिए स्कूल बैग की व्यवस्था कराना।
👉16-सभी बच्चों को स्वयं के प्रयासों से लेखन सामग्री, कापियों की व्यवस्था कराना। 👉17-विद्यालय के सम्पूर्ण प्रांगण में कंक्रीट फर्स कराया।  विभिन्न अवसरों पर वृक्षारोपण कर आज विद्यालय परिसर सुंदर हरियाली से आच्छादित हैं।
👉18-इन सभी प्रयासों के फलस्वरूप आज हमारे विद्यालय के बच्चे सभी क्षेत्रों में सराहनीय प्रदर्शन कर रहे हैं।
👉19-आज हमारा विद्यालय रा० आदर्श प्रा०वि० गागर के नाम से जाना जा रहा है। वर्तमान में विद्यालय की छात्र संख्या 90 है।
👉B- अन्य शिक्षकों के सहयोग से:-
👉1- अपने सहयोगी शिक्षकों के सहयोग से ही आज मुझे रा आदर्श प्रा वि गागर का प्रधानाध्यापक होने का गौरव प्राप्त हुआ है।
👉2-विद्यालय मेआयोजित होने वाली सभी गति विधियों में सभी साथियों का अपेक्षित सहयोग प्राप्त होता है में सभी सहयोगी शिक्षक साथियों का हृदय से आभार प्रकट करता हूँ।
👉C-जनप्रतिनिधियों के सहयोग से -
👉1- माननीय ग्राम प्रधान जी के सहयोग से विद्यालय के सम्पूर्ण प्रांगण में कंक्रीट फर्स का निर्माण किया गया।
👉2-माननीय सदस्य जिला पंचायत के सहयोग से विद्यालय में सुंदर शौचालयों का निर्माण किया गया।            
👉D-शासन के सहयोग से:-
👉1- शासन के सहयोग से विद्यालय में अतिरिक्त कक्षा कक्ष का निर्माण किया गया। 
👉2-शासन के सहयोग से प्रति वर्ष बच्चों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक, गणवेश, एम०डी०एम० पुस्तकालय हेतु पुस्तकें तथा कार्यालय, अनुरक्षण अनुदान आदि के व्यय के लिए धन राशि उपलब्ध कराई जा रही है।
👉E-जन सहभागिता से : -
👉1- एस एम सी व अभिभावकों के सहयोग से प्रत्येक वर्ष विद्यालय परिसर व विद्यालय तक पहुंचने वाले सभी रास्तों से झाड़ियों को काट कर रास्तों व विद्यालय परिसर की सफाई की जाती है।
👉2-विद्यालय में राष्ट्रीय पर्वों, वार्षिकोत्सव आदि का आयोजन जन सहभागिता से ही किया जाता है। 
👉F-अन्य के सहयोग से:-
👉1- समय समय पर विद्यालय की आवश्यकताओं के अनुसार समाज सेवी दान दाताओं से सहयोग लिया जाता रहा है।
👉2-आषाढ़ी बग्वाल मेला देवीधूरा में खड़क सिंह बोरा प्रधानाध्यापक के द्वारा शैक्षिक एवं खेल प्रतियोगिताओं के सुंदर और सफल संचालन से प्रभावित होकर मेला संयोजक कृष्ण कुंज हल्द्वानी निवासी एडवोकेट विनोद गडकोटी जी के द्वारा रा आदर्श प्रा वि गागर में अध्ययनरत 100 छात्रों को सुंदर ट्रैक सूट स्प्रेम भेंट की गई।
👉3-विद्यालय के बच्चों की विभिन्न प्रतियोगिताओं में सुंदर प्रदर्शन से प्रभावित होकर समाज सेवी सी जे एम कंप्यूटर हल्द्वानी के मालिक श्री भुवन जोशी जी द्वारा दो कंप्यूटर प्रिंटर सहित रा आदर्श प्रा वि गागर को सप्रेम भेंट किए गए।
👉4-विद्यालय के शैक्षिक स्तर व छात्रों के प्रदर्शन से प्रभावित होकर  जोशी पुस्तक भंडार मेलाघाट खटीमा श्री महेश जोशी जी द्वारा रा आदर्श प्रा वि गागर के 100 बच्चों को पांच कापियां प्रति छात्र तथा लेखन सामग्री सप्रेम भेंट की गई तथा श्री जीवन जोशी हल्द्वानी द्वारा सप्रेम स्कूल बैग भेंट किए गए।
👉3- किए गए प्रयासों के परिणाम:-
👉A-प्रयास से पहले विद्यालय में नामांकन 57 था प्रयास के उपरांत पहले 75 फिर 86 फिर 94 फिर 97 वर्तमान में 90 छात्र संख्या नामांकित है।
👉B-वर्तमान में विद्यालय की उपस्थित 85 प्रतिशत है।
👉C-वर्ष 2006 के बाद रा आदर्श प्रा वि गागर के छः बच्चे राजीव नवोदय ,पांच बच्चे जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।
👉4- विद्यार्थियों की उपलब्धियां:-
👉A- रा आदर्श प्रा वि गागर के बच्चों ने राजीव नवोदय, जवाहर नवोदय प्रवेश परीक्षा, में सफलता के साथ सपनों की उड़ान में आयोजित होने वाली सभी प्रतियोगिताओं में संकुल स्तर से जनपद स्तर तक प्रथम,द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करते आ रहे हैं।  
👉B-एस सी ई आर टी द्वारा आयोजित नवाचारी प्रोग्राम मैथ्स विजार्ड, स्पेलिंग जीनियस में रा आदर्श प्रा वि गागर के बच्चे वर्ष 2016से अद्यतन संकुल से जनपद स्तर तक प्रथम स्थान प्राप्त कर राज्य स्तर पर जनपद चम्पावत का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं।   
👉C-  पंडित धर्मानंद जोशी आदर्श विद्यार्थी पुरस्कार प्रतियोगिता में रा आदर्श प्रा वि गागर के बच्चों ने प्रथम, द्वितीय स्थान प्राप्त कर दस हजार व छः हजार की नकद धनराशि पुरस्कार प्राप्त किया।
👉5-विद्यालय की प्रेरक शिक्षण सांस्कृतिक गति विधियां:-
👉A रा आदर्श प्रा वि गागर में बच्चों को भयमुक्त वातावरण में शिक्षण के फलस्वरूप आज बच्चों के प्रदर्शन की सभी सराहना करते हैं। राष्ट्रीपर्वों, वार्षिकोत्सव, आषाढ़ी बग्वाल मेला आदि के अवसर पर रा आदर्श प्रा वि गागर के बच्चों के द्वारा लोक सांस्कृतिक गीत, नृत्य का प्रदर्शन किया जाता है।
👉B-शिक्षकों और विद्यालय की उपलब्धियां:-             
👉C-शिक्षकों के नवाचारों का विवरण:-
रा आदर्श प्रा वि गागर के शिक्षकों द्वारा विद्यालय के भौतिक और शैक्षिक स्तर को आकर्षक बनाने के लिए  मिल कर प्रयास किए जा रहे हैं। 
👉D-अभिभावकों से घर घर जा कर बच्चों के बारे में चर्चा की जाती है।  
👉E-सेवित क्षेत्र के अभिभावकों को सेवित क्षेत्र में भ्रमण कर रैली के माध्यम से स्वच्छता, बालिका शिक्षा, जल संरक्षण, वृक्ष रोपण  सिंगल यूज प्लास्टिक उन्मूलन,  आदि के लिए जागरूक किया जा रहा है।
👉6-शिक्षकों के विभिन्न सम्मानों एवं पुरस्कारों का विवरण:-
👉A- रा आदर्श प्रा वि गागर के प्रधानाध्यापक खड़क सिंह बोरा को शिक्षा विभाग से बालिका शिक्षा पुरस्कार ,जनपदीय उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार, उत्तराखंड शासन से महामहिम राज्यपाल पुरस्कार ,मानव संसाधन मंत्रालय से स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार, विद्या भारती से भाऊराव देवरस सम्मान से सम्मानित किया गया है। 
👉B-आषाढ़ी बग्वाल मेला देवीधूरा में शैक्षिक एवं खेल प्रतियोगिताओं के साथ राज्य स्तरीय बालीबाल प्रतियोगिता में मुख्य निर्णायक की भूमिका के साथ सभी प्रतियोगिताओं के सफल संचालन के लिए विगत दस वर्षों से सम्मानित किया जा रहा है।     
👉C-विद्यालय में कार्यरत सहायक शिक्षक श्री खुशाल सिंह को सुंदर हस्त लेखन व कर्तव्य निष्ठा के लिए सम्मानित किया गया है।
👉7-मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश:-
मिशन शिक्षण संवाद शिक्षकों के लिए सीखने व अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए एक सुंदर अवसर प्रदान करने वाला मंच का माध्यम है। मिशन से जुड़ने पर में अपने आप को सौभाग्यशाली समझता हूँ। मैं मिशन शिक्षण संवाद उत्तराखंड के राज्य संयोजक अपने अग्रज श्रीमान लक्ष्मण सिंह मेहता जी व चम्पावत के जिला संयोजक श्रीमान शंकर अधिकारी जी का मिशन शिक्षण संवाद से जोड़ने का अवसर प्रदान करने के लिए हृदय से आभार प्रकट करता हूँ।
👉8-शिक्षक समाज के लिए संदेश:-
शिक्षक समाज का निर्माता है। बच्चे शिक्षक को अपना आदर्श मानते हैं। इसलिए शिक्षक का परम कर्तव्य है कि वह गुरु पद की गरिमा को बनाए रखने के लिए अपने कर्तव्य के प्रति सदैव निष्ठावान बने रहे।
📝साभार 👉 शंकर सिंह अधिकारी
टीम मिशन शिक्षण संवाद चम्पावत
🖌️🖍️ संकलन एवं सहयोग :  लक्ष्मण सिंह मेहता जी टीम मिशन शिक्षण संवाद उत्तराखंड

नोट :-  मिशन शिक्षण संवाद में सहयोग एवं सुझाव के लिए वाट्सअप नम्बर 9458278429 पर लिखें✍🏽🙏

Comments

  1. शानदार कार्य
    बहुत बहुत बधाई

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