शत शत नमन

      राज अंग्रेजों का करने दूर 

     ली मिलकर सबने कसम 

     करना है भारत माँ को मुक्त 

      अंग्रेजों की गुलामी से 

     त्याग दिये सारे सुख -चैन 

     बने माँ के सच्चे भगत 

     दहाड़े गोरे शासकों पर सिंह समान 

    कर दी उनकी नींद हराम 

    झूल गये फाँसी के फंदों पर 

     बना उसे गले में जयमाल 

    उन जांबाजों को शत शत नमन 

   जो दे गये अपनी जान 

   अपनी मातृभूमि की ख़ातिर 

    दे गये एक इंकलाब 

    अब हम चले 

    ये वतन तुम्हारे हवाले कर साथियों 

     लहराये तिरंगा शान से 

    ख्वाहिश ये दिल में लिये। 


रचयिता
विमला रावत,
सहायक अध्यापक,
राजकीय जूनियर हाईस्कूल नैल गुजराड़ा,
विकास क्षेत्र-यमकेश्वर,
जनपद-पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।


Comments

Post a Comment

Total Pageviews