होली

आओ खेलें हम होली, 

बिना  रंग, बेरंग जिन्दगी,

जैसे बिन वर्षा सावन,

रंगों का त्योहार है होली,

आओ बन जाएँ हमजोली।

आओ बन जाएँ हम होली।।


आओ खेलें हम होली, 

लाल, पीला, हरा, नीला,

सब मिल बनायें टोली,

कर लें प्यार रंगों से जरा,

हैं ये खुशियों  के मोती,

आओ बन जाएँ  हम होली।।


आओ खेलें हमहोली,

आओ बन जाएँ हम ज्योति,

दूर करें भेदभाव, मन मुटाव,

सजा लें जीवन-रंगोली,

बोलें  मीठे बोल,

आओ बन जाएँ हम होली।।


आओ खेलें हम होली, 

चढ़ा लें प्यार का र॔ग,

न कोई छोटा, न बड़ा,

न कोई गरीब, न अमीर,

सब हों दिल के करीब,


आओ बन जाएँ हम होली।।


रचयिता
अर्चना गुप्ता,
प्रभारी अध्यापिका, 
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिजौरा,
विकास खण्ड-बंगरा,
जिला-झाँसी।




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