एड्स दिवस

जागरूकता अभियान चलाना है,
एड्स को दुनिया से भगाना है,
घर-गाँव -शहर-राष्ट्र में,
जन-जन को समझाना हैं।

एक दिसम्बर एड्स दिवस को,
सारे विश्व मे मनाना है,
इस भयंकर महामारी को,
हमें पूरे राष्ट्र से भगाना है।

अपने घर और परिवार मे,
एड्स ज्ञान को समझाना है,
खुलकर बातें करके सबसे,
बहू, बेटी, बेटों को बताना हैं।

गलत सम्बन्धों, गलत सुईयों,
गलत खून नहीं चढाना है,
गलत दवाईयाँ नहीं लेकर,
अपनी डाक्टरी जाँच कराना है।

एड्स वह महामारी है जो,
मूक हत्या कहलाती है,
एक बार घुस गई शरीर में तो,
सीधे मृत्यु लोक पहुँचाती है।

एक दिसंबर को ही हम,
एड्स दिवस क्यों मनायें,
तीन सौ, पैंसठ दिन साल में,
इसका ज्ञान करायें।

अपनी सुरक्षा और समझदारी में ही,
हम सबकी है भलाई,
अच्छे जीवन जीने के लिए ही,
एड्स से करो सभी लड़ाई।

रचयिता
सुधीर डोबरियाल,
सहायक अध्यापक,
रा. प्रा. वि.-मरगाँव,
विकास क्षेत्र-कल्जीखाल,
जनपद-पौड़ी गढवाल,
उत्तराखण्ड।

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