खुशियाँ क्या होती हैं

पापा-पापा ये बताओ
खुशियाँ क्या होती हैं?
थोड़ा बताओ इनकी
कीमत क्या होती है?

ये खुला आसमान
मुझसे पूछ रहा है
रंगीन तितली मुझे
हर पल टटोल रही है
पापा-पापा ये बताओ
खुशियाँ क्या होती हैं?

बचपन सपना जैसा है
ये दुबारा नहीं आता है
तो फिर क्यूँ कोई पापा
इसे समझ नहीं पाता है?

खेलने-कूदने के उम्र में
क्यूँ हमारा दाँव लगाते हैं?
बेटे जैसा अधिकार नहीं
फिर भी ममता का सागर हूँ
सत्य-पथ पर अग्रसर बेटी
तो क्यूँ बोझ बन जाता है?

पापा-पापा ये बताओ
खुशियाँ क्या होती है?
                 
रचयिता
चैतन्य कुमार,
सहायक शिक्षक,
मध्य विद्यालय तीरा,
ग्राम+पत्रालय:- तीरा खारदह,
प्रखण्ड:- सिकटी,
भाया:- कुर्साकाँटा,
जिला:- अररिया,
राज्य:- बिहार।

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