जल ही जीवन

कल कल पानी,
हमारी जिंदगानी,
यह चलती रुकना जाने ना
जो रुक ही गया तो पीने के काबिल ना।
कल कल पानी,
हमारी जिंदगानी,
ये चलती रुकना जाने ना
बड़ी मस्तानी,
यह दुनिया के बंधन माने ना।
कल कल पानी,
हमारी जिंदगानी,
यह चलती रुकना जाने ना।
निर्मल है, इसे मलिन ना बनाना।
प्रदूषण से है बचाना।
कल कल पानी,
हमारी जिंदगानी,
यह चलती रुकना जाने ना।
अमृत है, इसे विष ना बनाना।
ये सब की जरूरत  है
कल कल पानी,
हमारी जिंदगानी,
यह चलती रुकना जाने ना।
शीतल ये जलधारा,
शुद्ध इसे रखना है,
यह तो जीवनदायिनी है।
कल कल पानी,
हमारी जिंदगानी,
यह चलती रुकना जाने ना।

Written by
Neelam keshari,
Assistant Teacher,
M.E.P.S. Thatara First,
Block-Sewapuri,
District-Varanasi.

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