अपना स्कूल

स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा,
है अपना स्कूल।
कदम पड़े हैं जब से यहाँ पर,
गए ग़मों को भूल।।

ज्ञान यहाँ पर गुरुजी बाँटें,
बरसे प्यार के फूल।
स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा,
है अपना स्कूल।।

डाँटे और सिखाये हमको,
जीवन के हमें उसूल।
कदम पड़े हैं जब से यहाँ पर,
गए ग़मों को भूल।।

रचयिता
अशोक कुमार,
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय रामपुर कल्याणगढ़,
विकास खण्ड-मानिकपुर,
जनपद-चित्रकूट।

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