कलाम को नमन

नमन भारत माता के
सच्चे सपूत कलाम को,
नमन आदर्शवादी, सरल,
देशभक्त सच्चे इंसान को।

कठोर परिश्रम दिन और रात,
विषम परिस्थिति उसके साथ,
नहीं कमजोर पड़े जज़्बात,
विज्ञान हमेशा रहा साथ।

वैज्ञानिक बनकर नाम कमाया,
भारत को परमाणु-बम दिलाया,
कभी पैसों के लालच में न आया,
भारत रत्न सम्मान है पाया।

मिसाइल मैन हम प्यार से कहते,
जन-जन के दिल में हैं ये रहते,
पूर्व राष्ट्रपति हैं भारत के,
जुड़े रहे drdo व इसरो से।

१५ अक्टूबर जन्मदिन आया,
कलाम साहब की यादें लाया,
आपने भारत धन्य बनाया,
अग्रणी देशों में पहुँचाया।

कर्ज़ तुम्हारा चुका न पाएँगे,
शिक्षा तुमसे हम सब  पाएँगे,
पढ़-लिख कर काबिल बनकर,
देश सेवा में जुट जाएँगे।

देश तरक्की करता देख,
आपके सपने खिल जाएँगे,
शिक्षक हैं हम, फर्ज निभाकर,
अभी और कलाम बनाएँगे।

पर आपको भूल न पाएँगे।
पर आपको भूल न पाएँगे।।

रचयिता
ज्योति चौधरी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय इस्लामनगर
विकास खण्ड-मुरादाबाद,
जनपद-मुरादाबाद।

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