दीपावली

दीपावली त्योहार है आया
 है सबका  मन हर्षाया।
दीप, आवली के संगम से,
ये नाम  दीपावली  आया
जलते हैं दीप कतारों मे
होता रौशन जग सारा।।
दीपावली त्योहार::::::::
           राजा एक महान हुए
          था दशरथ नाम कहाया।
         लाज वचन की बचाने को
       पुत्र(राम) को वन भिजवाया,
        वन को जब श्रीराम चले
     लक्ष्मण, सीता ने साथ निभाया
दीपावली त्योहार है ::;;;;।
चौदह वर्ष बिताकर जब,
श्रीराम अयोध्या वापस आये
ढोल नगाड़े खूब बजे,
दीपों से नगर सजाया
इसीलिए तब से हमने
दीपावली त्योहार अपनाया।
दीपावली त्योहार है::::::::::

 होती है सफाई हर घर में
और धूम बाजार में होती,
बाँटते हैं मिठाई और मेवे
पूजा लक्ष्मी जी की होती,
पड्वा को गोवर्धन पूजा
और दूज भाई की होती,
दीपावली का  त्योहार:::;;;।
         दीपों से जब दीप मिले
         सब अन्धकार मिट जाता
        दिल से दिल मिल जाते हैं
      सब भेद भाव मिट जाता,
   बोझिल होती दिनचर्या में
उत्साह नया भर जाता।।
दीपावली का त्योहार::;::::
        खूब जलाना दीप भले
      पर सीख भूल ना जाना,
परहेज पटाखों से करना
तुम हाथ न अपना जलाना
 ईकोफ्रेंडली त्योहार मनाकर
पर्यावरण को अपने बचाना।
दीपावली का त्योहार है आया।।

रचयिता
अनु चौधरी,
सहायक अध्यापक, 
प्राथमिक विद्यालय शंकरपुर,
विकास खण्ड-फरीदपुर,
जनपद-बरेली।

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