३७२~ आनंद प्रभा नेगी (प्रधानाध्यापिका) रा०प्रा०वि० पाव बडियार, कीर्तिनगर, टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड

🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से देवभूमि उत्तराखंड से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन आनंद प्रभा नेगी जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से समस्या को ही समाधान का हिस्सा बनाते हुए अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का ऐसा केन्द्र बनाया कि अन्य विद्यालयों में जाने वाले बच्चे भी आकर्षित होकर विद्यालय में आने लगे। यही नहीं बल्कि शिक्षण गुणवत्ता के पैमाने को भी प्रमाणित करते हुए चार छात्रों का चयन आवासीय विद्यालय देहरादून के लिए हुआ। आपके कार्य हम जैसे हजारों शिक्षक साथियों के लिए प्रेरक और अनुकरणीय हैं।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
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📋1- शिक्षक का परिचय:-
आनंद प्रभा नेगी (प्रधानाध्यापिका)
रा०प्रा०वि० पाव बडियार, कीर्तिनगर, टिहरी गढ़वाल
प्रथम नियुक्ति-18/02/1997

📋2- विद्यालय की समस्याएं:-

👉1-विद्यालय की भौतिक एवं शैक्षिक स्थिति:- जब मैं कार्यभार ग्रहण करने विद्यालय में गयी तो विद्यालय की भौतिक और शैक्षिक स्थिति को देखकर बहुत दुःख और निराशा हुई। मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था क्या करूं किधर से प्रारंभ करु। मैं विद्यालय की इन सभी समस्याओं को लेकर अपने बी०आर०सी० समन्वय के पास ब्लाक में गयी और विद्यालय की सभी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया तो उनका जवाब था कि मुझे अपना वर्तमान विद्यालय अपने पूर्व विद्यालय की भांति बनाना है। पूर्व विद्यालय (रा०प्रा०वि० सांकरौं) को भौतिक और शैक्षिक स्थिति 2007 में पुरस्कृत किया गया था।
अब मैंने विद्यालय आकर इन सभी समस्याओं को क्रमबद्ध चिह्नित कर समस्याओं के समाधान हेतु कार्य योजना तैयार की। इन समस्याओं के समाधान के लिए मुझे बहुत संघर्ष करना पड़ा।
👉चुनौतियां:-
👉(1) स्वच्छता- विद्यालय परिसरकी, आसपास के परिवेश की, छात्र/छात्राओं की, अभिभावकों की।
👉(2) विद्यालय की अस्त व्यस्त स्थिति को सुधारना।
👉(3) ग्रामवासियों एवं अभिभावकों को सरकारी विद्यालय की ओर जोड़ने के लिए प्रेरित करना।
👉(4) अभिभावकों को विद्यालय के प्रति जवाबदेह बनाना।
👉(5) सुप्तपराय एस०एम०सी० को जागरूक करना तथा बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना।

📋3- समस्याओं के समाधान हेतु प्रयास:-
उपरोक्त चुनौतियों के समाधान के लिए सर्वप्रथम मेरे द्वारा छात्रों की माताओं और गांव के गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात कर समस्याओं के समाधान हेतु विद्यालय में रविवार के दिन बैठक में आमंत्रित किया। इस बैठक में मैंने विद्यालय की समस्याओं के बारे में उनको बताया उनसे सलाह ली और सहयोग मांगा। उन्होंने बताया कि विद्यालय में आज तक इस तरह की बैठक नहीं हुई उनके लिए विद्यालय और उनके बीच समन्वय एक नयी पहल थी। उन सभी ने मुझ पर भरोसा किया तथा विद्यालय और बच्चों के हित में सहयोग देने का पूरा वायदा किया। इसके लिए मैंने माताओं से अपने पाल्यों और विद्यालय के लिए समय मांगा। उनके पाल्य के लिए सुबह-शाम नियमित तथा विद्यालय में तब जब विद्यालय को उनके सहयोग की आवश्यकता हो।


👉भौतिक स्थिति सुधारने का प्रयास:-
👉(1) स्वच्छता:- विद्यालय के सभी छात्र जो बहुत गंदे आते थे मातायें उन्हें स्वच्छ और नियमित समय पर विद्यालय भेजने लगी। इसके बाद छात्रों के लिए मेरे द्वारा दो जोड़ी गणवेश बनवायी अब मातायें अपने बच्चों पर और अधिक ध्यान देने लगी। मेरे द्वारा सत्रान्त में "स्वच्छ माता, स्वच्छ बच्चा और विद्यालय की सहयोगी माता एवं अपने बच्चे के गृह कार्य में मददगार माता" को पुरस्कार देना प्रारंभ किया गया। जिससे अन्य मातायें भी प्रेरित हुईं।
👉2-विद्यालय की छत का अंदर से सारा प्लास्टर उखड़ा हुआ था। प्रांगण बड़ा गंदा था। विद्यालय आने जाने का रास्ता बहुत गंदा था उसके अगल- बगल लोग शौच के लिए जाते थे। उसे गांववासियों के सहयोग से बंद करवाया। माताओं के सहयोग से रविवार को प्रांगण समतल और साफ करवाया। माताओं का समूह बनाकर वे महीने में क्रमवार से रास्ते की सफाई और विद्यालय के आंगन की लिपाई का कार्य कर लेती हैं मैं स्वयं भी उनके इस कार्य में साथ देती हूं। विद्यालय में टूट- फूट की मरम्मत तथा विद्यालय में सफेदी करवायी जिससे विद्यालय स्वच्छ लगने लगा।और 2017 में क्षेत्र पंचायत सदस्य के द्वारा रास्ता पक्का तथा रेलिंग करवाई गयी। विद्यालय की छत बहुत ज्यादा खराब थी जिससे बरसात में सारा पानी कमरों में आता था हर समय किसी अनहोनी होने का भय रहता था। विभाग द्वारा मदद न मिलने पर क्षेत्रीय विधायक जी के द्वारा 2019 में छत मरम्मत करवाई गई।






📋4- शैक्षिक स्थिति सुधारने का प्रयास:-
उपचारात्मक शिक्षण पर जोर:-
👉1- मेरे द्वारा विद्यालय समय के अलावा प्रति दिन व अवकाश के दिनों में बच्चों को अतिरिक्त समय दिया जाता है।
👉2- गृहकार्य में मदद - छात्रों के गृह कार्य से संबंधित समस्या और कमजोर छात्रों की समस्या का समाधान करने की भरपूर कोशिश करने लगी।
👉3- कक्षा पांच के छात्रों पर विशेष ध्यान देने की कोशिश करने लगे।
👉उपलब्धि





👉1-अतिरिक्त समय देने के कारण विद्यालय की शैक्षिक स्थिति में इतना अच्छा सुधार हुआ कि वे बच्चे जो इस विद्यालय की पूर्व स्थिति को देखते हुए उनके अभिभावकों के द्वारा पढ़ाने के लिए अन्यत्र भेज दिये जाते थे वे भी वापस आने लगे और समीप के निजी विद्यालय के छात्र हमारे विद्यालय में आने लगे। बस्ती का एक निजी विद्यालय बंद हो गया उस विद्यालय के सभी छात्र इस विद्यालय में आ गये।
👉2- मातायें विद्यालय की बैठकों में ही नहीं बल्कि सी आर सी और ब्लाक स्तर पर भी अपने पाल्यों के साथ स्वयं जाती हैं अपने बच्चों की गतिविधियों को देखती हैं और स्वयं भी प्रतिभाग करती हैं।

📋5- विद्यालय व छात्रों की उपलब्धियां:-
👉(1)- विद्यालय के छात्र सी०आर०सी०, ब्लॉक स्तर आदि सभी प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर प्रथम, द्वितीय स्थान प्राप्त कर पुरस्कृत किए जाते हैं।
👉(२)- सत्र 2018-19 में विद्यालय की चार छात्राओं का चयन "आवासीय विद्यालय देहरादून" के लिए किया गया।
(३)- सोच संस्था के "एस पी डी योगा सेंटर ऋषिकेश" द्वारा 28/12/2018 को विद्यालय के छात्रों में योग प्रतियोगिता के पश्चात १२ छात्रों का चयन "योगा ग्रैंड फिनाले" के लिए किया गया।

👉मेरे प्रयास:-
👉1- ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों द्वारा सौंपे गए कार्यभार ( प्रश्न पत्र निर्माण, मूल्यांकन, प्रतियोगी परीक्षाओं के पूर्व अभ्यास) में पूर्ण सहयोग।
👉2- 3/2/2016 की समस्त गतिविधियों की वीडियो ग्राफी कर संरक्षित किया गया।
👉3- दुर्गम एवम् सीमांत विद्यालय होने के पश्चात भी सत्र 2015-16 में डायट टिहरी द्वारा दो बार निरीक्षण किया गया एवम् मेरे द्वारा किए गए "नवाचारों एवं क्रियात्मक" शोध के लिए 30/03/3016 की कार्यशाला में प्रतिभाग किया गया।
👉4- विभिन्न अवसरों पर छात्रों को शिक्षण सामग्री व पुरस्कार वितरण की परम्परा का निष्ठा पूर्ण अनुसरण तथा इण्डेन गैस देहरादून के द्वारा लेखन सामग्री व बैगों का वितरण।

📋6- शिक्षक की उपलब्धियाँ:-
सम्मान पत्र एवं प्रशस्ति पत्र:-
👉1- वर्ष 2015 में "सम्मान पत्र"- व्यवस्था परिवर्तन मंच एवं गढगौरव फांउण्डेशन के द्वारा
👉2- वर्ष 2016में "प्रशस्ति पत्र" पूर्व मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री द्वारा।
👉3- वर्ष 2017 "प्रशस्ति पत्र" उप शिक्षा अधिकारी कीर्तिनगर के द्वारा।
👉4-वर्ष 2019 में 19/05/2019 "सम्मान पत्र" लोस्तो बडियार विकास संगठन युवा शक्ति द्वारा।
👉5- 09/06/2019 "प्रशस्ति पत्र" अखिल भारतीय शैक्षिक
विमर्श एवं नवाचारी शिक्षक सम्मान (मंथन)
👉6- 05/09/2019 "प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्नन" क्षेत्रीय विधायक जी के द्वारा दिया गया।
👉7- मिशन शिक्षण संवाद उत्तराखण्ड की गढ़वाल मण्डल कार्यशाला देहरादून में शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार।







📋7- मिशन शिक्षण संवाद परिवार मेरी नजर में:-

मिशन शिक्षण संवाद के द्वारा प्रति दिन दी जाने वाली शिक्षण सामग्री से विद्यालय के छात्रों के साथ - 2 शिक्षकों को भी अद्यतन किया जा रहा है। नित नयी जानकारी से परिचित कराकर व्यापक छात्र हित में मिशन द्वारा किये जा रहे इस नेक कार्य के लिए कोटि - 2 साधुवाद। हम सभी इसके लिए मिशन शिक्षण संवाद की पूरी टीम के आभारी हैं। मिशन टीम को तहेदिल से धन्यवाद देती हूँ कि आज उनके माध्यम से मैं अपने विद्यालय की कहानी आप सभी लोगों के समक्ष रख पा रही हूं।मिशन शिक्षण संवाद से जुड़कर मुझे यह मौका मिला है कि मैं अपने संघर्ष को सभी के सामने रख पा रही हूं।

📋8- शिक्षक परिवार के लिए सुझाव व संदेश:-

"सफलता का आधार है सकारात्मक सोच और निरंतर प्रयास"
"समस्या का नहीं, समाधान का हिस्सा बनें"

साभार:-- *माधव सिंह नेगी*
*📝प्रेरित कर संकलन व प्रस्तुतिकरण के लिए --उत्तराखण्ड राज्य प्रभारी लक्ष्मण सिंह मेहता जी का मिशन परिवार की ओर से हार्दिक आभार*

नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बंधित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।

विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
20-10-2019

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