पंद्रह अगस्त रक्षाबंधन

पंद्रह अगस्त रक्षाबंधन,
कैसा है पावन गठबंधन।
शुभ मंगल मुहूर्त पर दोनों,
 पर्वों का है अभिनंदन।
 एक ओर बहनें हैं उत्सुक,
भाई से मिलने को।
एक ओर भाई है हर्षित,
 बहनों से मिलने को।
 और दूसरी ओर खड़े हैं,
 सारे भारतवासी।
भारत माता के चरणों में,
 शत-शत अभिनंदन को।
एक और है राष्ट्र,
 दूसरी ओर हैं सामाजिक बंधन।
 जैसे हो जाता प्रयाग में,
 गंगा यमुना का संगम।
15 अगस्त रक्षाबंधन,
कैसा है पावन गठबंधन।
शुभ मंगल मुहूर्त पर,
दोनों पर्वों का है अभिनंदन।
 हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई,
ये सब हैं भाई-भाई।
मिल जुल कर सब रहें साथ में,
 जानें पीर पराई।
सब लोगों में यदि हो जाए,
 सामूहिक रक्षाबंधन।
तो निश्चित ही हो जाएगा,
सब के सुख का संवर्धन।
15 अगस्त रक्षाबंधन,
कैसा है पावन गठबंधन।
शुभ मंगल मुहूर्त पर दोनों
 पर्वों का है अभिनंदन।
बहन सुरक्षा का व्रत लेते,
घर घर में भाई भाई।
भारतमाता की रक्षा में,
 डटे हुए कितने भाई।
 एक ओर जब बँधती राखी,
 होता तिलक और वंदन।
और दूसरी ओर तिरंगे का,
 होता है अभिनंदन।
15 अगस्त रक्षाबंधन,
 कैसा है पावन गठबंधन।
शुभ मंगल मुहूर्त पर दोनों,
 पर्वों का है अभिनंदन।।

रचयिता
रूप किशोर अवस्थी,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय शेखवापुर,
विकास खण्ड-परसेंडी,
जनपद-सीतापुर।


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