तिरंगे की सीख

परचम में बिखरे तीन रंग
सिखलाते हैं जीने का ढंग
वीर बनो साहस न हरो
 देश हेतु बलिदान करो
सिखलाये ये केसरिया रंग
परचम - -
स्वच्छ रहो, बोलो न झूठ
दुःख में भी हमेशा शान्त रहो
सिखलाये प्रतिक्षण श्वेत रंग
परचम-
सब सुखी और सम्पन्न रहें
याद खेत खलिहान रहे
सिखलाये हमको हरा रंग
परचम - -
 चक्र सिखाये प्रगति करें
प्रगति हेतु बाधक न बनें
रहे हमेशा समय तंग
परचम - -

रचयिता
प्रेमलता फुलोरिया,
सहायक अध्यापक,
रा.आ.पूर्व मा.वि.अलचौना,
भीमताल,
जनपद-नैनीताल,
उत्तराखण्ड।

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