आजादी का जश्न

आजादी का जश्न है ये
चलो मिलकर इसे मनाते हैं
जयघोष करें भारत माँ का
मिल देश के तराने गाते हैं।

भगत सिंह की वीरता याद करें
आज़ाद के साहस पे गर्व करें
बापू का आत्मबल शीश धरें
हम नित-नित शीश नवाते हैं।

एक हाथ में तिरंगा लहराते हुए
दूजे हाथ से रक्षा सूत्र संभाले हुए
मजबूती से कदम बढ़ाते हैं
मिलकर भाईचारा बढ़ाते हैं।

दो पर्वों का है मिलन आज
झूमकर वसुंधरा कर रही नाज़
मन बना तिरंगा लहराता
तन झूम झूमकर इठलाता।

बहना ठाड़ी राखी लेकर
है वीरा बाट निहार रहा
बहना बोली ठहरो भैया
ये तिरंगा मुझे पुकार रहा।

पहली राखी इस तिरंगे को अर्पित
यही तो है आन-बान मेरी
हरदम रक्षा का संकल्प लेता
ये तिरंगा ही है पहचान मेरी

आ मिलकर बाँधें इसे रक्षासूत्र
भाई सा इसे मनाएँ हम
लहरायें इसे सम्मान से हम
भारत की शान बढ़ाएँ हम

आज़ादी का पर्व मनाएँ हम
रक्षाबंधन का पर्व मनाएँ हम।

स्वंतंत्रता दिवस व रक्षाबंधन की मंगलकामनाओं सहित-:
जय हिंद, जय भारत।

रचयिता
रीता गुप्ता,
सहायक अध्यापक, 
मॉडल प्राइमरी स्कूल बेहट नंबर-एक,
विकास क्षेत्र-साढोली कदीम,
जनपद-सहारनपुर।

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