15 अगस्त

    15 अगस्त
(स्वतंत्रता दिवस)

एक सुनाती हूँ कहानी,
हर बच्चे को, जो हो याद जुबानी।
दिन था वह, 15 अगस्त,
अंग्रेज भागे थे, होकर पस्त।
ऐसे नहीं वह दिन आया,
बहुत शूरवीरों ने प्राण गंवाया।
कुछ ने हिंसा मे गोली खायी,
बापू ने अहिंसा की अलख जगायी।
15 अगस्त सैंतालिस(1947) को,
हमने आजादी पायी।
मंगल पांडे ने 1857 में जब,
क्रांति की चिनगारी लगायी।
तब कुछ वीरों ने मिलकर,
आजादी पाने को मशाल जलायी।
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने,
अंग्रेजों को धूल चटाई।
भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव,
हँसते हुए फाँसी पर झूल गए।
चन्द्रशेखर आजाद को जो मार सके,
वह गोली दुश्मन से न बन पायी।
सुभाषचन्द्र बोस ने,
आजाद हिन्द फौज बनायी।
आजादी पाने की चाह में,
रामप्रसाद बिस्मिल ने काकोरी कांड किया।
जलियांवाला बाग का बदला,
लंदन में जाकर लिया।
उधमसिंह द्वारा भरी सभा में,
जनरल डायर पर वार किया।
अहिंसा के पथ पर चलकर,
गांधी जी ने राह दिखाई।
बापू ने अहिंसा के अचूक अस्त्र से,
हमको आजादी दिलाई ।
15 अगस्त सैंतालिस(1947) को,
हमने आजादी पायी।।

रचयिता
नीरलता,
प्रधानाध्यापक,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय बुल्लावाला 3,
विकास खण्ड-डोईवाला, 
जनपद-देहरादून,
उत्तराखण्ड।

Comments

  1. "विचारशक्ति" में मेरी कविता प्रकाशित करने के लिए मिशन शिक्षण संवाद टीम का हार्दिक आभार.....

    ReplyDelete

Post a Comment

Total Pageviews