आँगन की चिड़िया

लड़कियाँ तो आँगन की चिड़िया होती हैं,
ये प्रेम से सजी फुलझड़ियाँ होती हैं।
रखती सदा अपनों का मान हैं,
ये तो घर की आन बान शान हैं।
लड़कियाँ- - - - - - - - - -
हर हाल में इन्हें तुम पढ़ाना,
पढ़ाकर इन्हें आत्म निर्भर बनाना।
इनकी शादी न जल्दी करना,
सदा आगे बढ़ने का दम इनमें भरना।
लड़कियाँ तो - - - - - - -- -
इन्हें कभी बोझ न समझना,
हर हाल में इन्हें तुम परखना।
ये सदा ही साथ निभाएँगी,       
बस खुशियाँ ही खुशियाँ  बरसाएँगी।
लड़कियाँ - - - - - - - - - -
आज! लड़कियाँ क्या नहीं कर रही,
लड़कों जैसे सभी काम वो कर रही।
लड़कियाँ तो आँगन की चिड़िया होती हैं,
ये प्रेम से सजी फुलझड़ियाँ होती हैं।

रचयिता 
चारु मित्रा,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय गदपुरा,
विकास खण्ड-खंदौली, 
जनपद-आगरा।

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