डाॅ0 कलाम तुम्हें सलाम

डाॅ0 कलाम तुम्हें सलाम।
डॉ0 कलाम तुम्हें सादर प्रणाम।
15 अक्टूबर 1931 को मछुवारे पिता के घर जन्म लिया,
तमिलनाडु  के ही प्राथमिक विद्यालय में ही अक्षर ज्ञान प्रारंभ किया।
 बड़ी गरीबी में पले बढ़े पर,
डिगने न दिया ईमान कभी।
जाति धर्म से ऊपर उठकर,
देश प्रेम के पाठ पढ़े सभी।

पढ़ लिख कर के आगे बढ़े तुम,
मन मस्तिष्क में बैठ गयी गुरू की प्रेरणा व शिक्षा।
पढ़ने, पढ़कर आगे बढ़ने की उत्कण्ठा बनी फिर तीव्र इच्छा।

सागर तीरे पक्षियों की उड़ान देख,
पाला सपना व्योम में विचरण का।
अंतरिक्ष विज्ञान को तुमने चुनकर,
भारत को आसमान में उड़ा दिया।

कष्ट अभावों में तुमने हिम्मत न हारी,
बड़ी अद्भुत है तुम्हारे परिश्रम की अमर कहानी।

1974, 98 में पोखरण परीक्षण कर,
परमाणु ऊर्जा से माँ भारती को शक्तिशाली बना दिया।
भारत विश्व गुरू था, विश्वगुरु है और रहेगा
ये सारे जगत को बता दिया।

उपग्रह दर उपग्रह जब प्रक्षेपित किए तुमने,
दुनिया ने मिसाइल मैन तुम्हें तब नाम दिया।
हर्षित अरु गर्वित होकर, पच्चीस जुलाई सन 2002 को।
भारत के जनमानस ने तुम्हें राष्ट्राध्यक्ष बना दिया।

ख्याति दर ख्याति मिलती रही,
पुरस्कारों की लगी झड़ी।
देश-विदेश में ताज पहना।
वर्ष सत्तानब्बे में देश ने तुम्हें भारत रत्न से अलंकृत किया।

देश विदेश से अलंकरण मिले,
आखिर में यूनाइटेड किंगडम भी।
सम्मान देकर गर्वित हुआ,
सौम्य स्वभाव, सरल व्यक्तित्व के महामानव
अखिल विश्व भी तुम्हारे कृत्यों
से हर्षित हुआ।

तुम भारत माता के लाल थे।
मानव बड़े कमाल थे।
सच्चे अर्थों में राष्ट्रभक्त थे।
और राष्ट्र के प्यारे लाल थे।

बड़ी अद्भुत है बड़ी सरल है,
मिसाइल मैन की अमर कहानी।
तुम कालजयी वैज्ञानिक थे,
इक साधक थे परम विज्ञानी।

भारत को विश्व पटल पर,
तुमने एक पहचान दिलाई।
बच्चों को नित नये विचार देकर,
अथक ढंग की वह नेक भलाई।

26 जुलाई सन 2015 का वह काला दिन आया,
भारत माता का यह नक्षत्र।
सदा - 2 के लिए बिछुड़ गया।
 उर की  अंतस गहराइयों से,
माधव तुम्हें कर रहा सलाम।
देकर श्रद्धा सुमन सजल नयनों से,
हे कलाम तुम्हें कर रहा प्रणाम।
हे कलाम तुम्हें कर रहा प्रणाम।

रचयिता
माधव सिंह नेगी,
प्रधानाध्यापक,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय जैली,
विकास खण्ड-जखौली,
जनपद-रुद्रप्रयाग,
उत्तराखण्ड।

Comments

  1. शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं

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