रीडिंग मेला

हमें पुस्तकें राह दिखातीं जीवन में,
करना हमको कर्म सिखातीं जीवन में।

कभी मार्ग भटका यदि पथ में कोई,
उसको उसका लक्ष्य बतातीं जीवन में।

ज्ञान और विज्ञान किताबों में संचित है,
धरती है गतिमान किताबों में संचित है।

आज चाँद-तारों तक दुनिया पहुँच रही,
अद्भुत सा ज्ञान किताबों में संचित है।

पुस्तक लाओ पढ़ो, सुरक्षित रखो भी,
आवश्यक बातों को कर लो अंकित भी।

नहीं पुस्तकें कभी पुरानी होती हैं,
संचित उनमें ज्ञान-कहानी होती हैं।

देना हो जब भेंट, पुस्तकें ही दो,
जीवन की ये अमिट निशानी होती हैं।

रचयिता
डॉ0 प्रवीणा दीक्षित,
हिन्दी शिक्षिका,
के.जी.बी.वी. नगर क्षेत्र,
जनपद-कासगंज।

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