1- ग्रामरत्न मनोज त्यागी, ग्राम प्रधान खुरर्मपुर, मुरादनगर, गाजियाबाद

   🏅अनमोल ग्रामरत्न🏅

"शिक्षा सहायक के रूप में प्रधान जी की भूमिका...."

ग्राम प्रधान खुरर्मपुर श्री मनोज त्यागी जी ने अपनी कार्यशैली एवं विद्यालय के प्रति सकारात्मक सोच से यह साबित कर दिया कि अगर कोई कार्य ईमानदारी व निष्ठा से सकारात्मक सोच के साथ किया जाए तो वास्तव में परिणाम अप्रत्याशित होते हैं। उनकी ग्राम पंचायत में तीन प्राथमिक विद्यालय आते हैं। उन्होंने तीनों ही विद्यालयों की न केवल भौतिक स्थिति को सुधारा बल्कि प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों के साथ हमेशा तालमेल बनाते हुए विद्यालय विकास को आगे बढ़ाया। विद्यालय भवनों को आकर्षक बनाया। बच्चों के लिए फर्नीचर, विद्यालय में सबमर्सिबल, दीवारों पर आकर्षक पेंटिंग्स, कमरों में व दीवारों पर टाइल्स, बच्चों के लिए बहुत आकर्षक डाइनिंग टेबल व दो बैटरी वाले इन्वर्टर की व्यवस्था उन्होंने विद्यालय में की। इतना ही नहीं बल्कि विद्यालय में चलने वाले विभिन्न अभियानों में भी अपनी सहायक भूमिका निभाई है। चाहे जल संरक्षण अभियान हो या संचारी रोग नियंत्रण अभियान, स्कूल चलो अभियान हो या फिर प्रदूषण नियंत्रण अभियान सभी में वे आवश्यकतानुसार अपना योगदान देते आये हैं। जब - जब भी विद्यालय को उनके सहयोग की आवश्यकता हुई है उन्होंने पूरी निष्ठा व ततपरता से सहयोग दिया है।
















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साभार: लक्ष्मी त्यागी (प्र०अ०)
प्रा० वि० खुरर्मपुर-1, मुरादनगर, गाजियाबाद

शिक्षा के उत्थान के लिए समर्पित आदरणीय ग्राम प्रधान जी का मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से बहुत-बहुत आभार🙏🙏🙏

यदि प्रधान और प्रधानाध्यापक एक साथ सामन्जस्य और समन्वय के साथ शिक्षा के उत्थान में सहयोग करना शुरू कर दें। तो बेसिक शिक्षा की व्यवस्था में बन चुके ऐसे लाखों छिद्र बन्द किए जा सकते हैं जिनके कारण बेसिक शिक्षा के उत्थान के लिए किए गये लाखों प्रयास असफलता की अनिश्चितता में समा जाते हैं।

संकलन: नीरव शर्मा
मिशन शिक्षण संवाद गाजियाबाद

नोट: यदि आपकी जानकारी में भी कोई जनप्रतिनिधि अथवा ग्राम प्रधान शिक्षा के उत्थान के लिए ऐसा समर्पित प्रयास कर रहे हैं तो हमें मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर 9458278429 और 7017626809 में जरूर भेजें। जिससे अन्य जनप्रतिनिधि भी शिक्षा के उत्थान के लिए प्रेरित हो सकें। क्योंकि शिक्षा के उत्थान से बढ़ा न तो कोई विकास कार्य हो सकता है और न ही महादान और मानवीय धर्म हो सकता है।

विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
04-08-2019

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