175/2025, बाल कहानी- 18 अक्टूबर
बाल कहानी - दीपावली
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रोशन और उसके मित्र बहुत खुश थे क्योंकि अभी दो दिनों के बाद दीपावली आने वाली थी। रोशन कक्षा छः में पढ़ता था। सभी दोस्त त्योहार की तैयारी इन लगे हुए थे। रोशन के पास एक तोता और एक पप्पी था। वह उनको कभी भी अकेला नहीं छोड़ता था। रोशन जहाँ भी कहीं जाता, उनको अपने साथ लेकर जाता था।
जब वह दिवाली की खरीदारी करने गया तो रोशन अपने दोनों तोता और पप्पी को साथ लेकर गया। सबने मिलकर बहुत सारी खरीददारी की। रोशन ने दोनों के लिए कपड़े और पटाखे भी लिए।
अगले दिन छोटी दिवाली थी। सुबह उठकर सभी दोस्त तैयार होकर पटाखे छुडाने के लिए बाहर आये। तभी रोशन की मम्मी ने उसे ध्यानपूर्वक पटाखे छुडाने के लिए बोला और कहा, "रोशन बेटा! खूब मस्ती करो, लेकिन सावधानीपूर्वक ही पटाखे छुड़ाना।" रोशन ने कहा, "मम्मी! आप चिन्ता मत करो, हम सावधानी से ही पटाखे छुड़ाएँगे।"
बस! सभी दोस्त त्योहार की मस्ती में लग गए। सभी फुलझड़ी, बिरंगी आदि छुड़ा रहे थे। रोशन मस्ती दिखाने के लिए तोता और पप्पी को भी पास ले आया। मस्ती करते-करते वे लोग बम भी छुडाने लगे। तभी रोशन का मित्र बोला, "क्या बच्चों की तरह बम छुड़ा रहे हो, चलो हाथ से छुड़ाते हैं।" इतने में दूसरे दोस्त ने कहा, "नहीं..नहीं ये गलत है, हमें ऐसे रिस्क लेकर बम नहीं छुड़ाना चाहिए।" लेकिन दूसरे दोस्त उस दोस्त का मजाक बनाने लगे और शेखी में हाथ से ही बम छुडाने लगे।
अचानक एक बम फेंकने से पहले ही उस दोस्त के हाथ में ही फैट गया और उसका हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे अस्पताल लेकर जाना पड़ा। सारा त्योहार बेकार हो गया।
तब उसे सभी ने समझाया कि, "हमें किसी भी काम को सावधानीपूर्वक ही करना चाहिए और बड़ों की बात भी माननी चाहिए अर्थात जोश में होश नहीं खोना चाहिए।
#संस्कार_सन्देश -
हमें किसी भी कार्य को बहुत ही सावधानीपूर्वक करना चाहिए, अन्यथा हानि की संभावना अधिक रहती है।
कहानीकार-
#अंजनी_अग्रवाल (स०अ०)
उच्च प्राथमिक विद्यालय सेमरुआ, सरसौल (कानपुर नगर)
✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद
#दैनिक_नैतिक_प्रभात
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