165/2025, बाल कहानी- 06 अक्टूबर


बाल कहानी - राम लीला
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"उठ-उठ.. अरे उठ! तू कर लेगा इसे। बहुत अच्छा गाता है, मैंने पन्द्रह को देखा था तुझे इस्कूल में। अच्छी आवाज है तेरी।" सूनसान से कोने में बैठे महीपाल को कई वर्षों बाद पुनः हो रही रामलीला की तालीम में जब तालीम मास्टर द्वारा झिंझोड़ा गया तो उसे लगा जैसे उसके भीतर नई चेतना नई ऊर्जा का संचार हो गया है। 
नेकी और पूछ -पूछ! सरल स्वभाव का जूनियर हाईस्कूल में पढ़ने वाला महीपाल तालीम मास्टर के निकट जाकर पुस्तक में लिखे हुए गीत को उनके साथ गाने की कोशिश करने लगा और दो तीन बार उनके समझाने, गाने व फटकारने के बाद लय-सुर पकड़ ताल में गाने लगा। आवाज तो पहले से ही अच्छी थी उसकी, लेकिन आज तक विद्यालय में पहाड़ी गीतों को गाने के सिवा किसी भी अन्य जगह पर नहीं गा पाया था वह। आज शत्रुघ्न के इस गीत पर पकड़ के बाद उसका सबक समाप्त हो गया और कल को ऐक्टिंग करते हुए इस गीत को पुनः दोहराने की बात मास्टर द्वारा उसे बता दी गई थी। 
रात को घर वापस आते हुए उसका उत्साही मन कल को कैसे मंथरा को डाँट व लात मारते हुए गा पायेगा? से आशंकित हो अधीर हुआ जा रहा था। उसे रात भर ठीक से नींद भी नहीं आ पायी। 
अगले दिन विद्यालय में बेचैनी व उनींदी हरकतों से असहज होते हुए उसे कई बार शिक्षक की डाँट से दो चार होना पड़ा। 
शाँत स्वभाव के दोस्त को आज बेचैन हुआ देख उसका साथी हेमंत समझ गया कि इसके मन में कुछ न कुछ चल रहा है, जो यह नहीं बता रहा। मध्यावकाश में आज वह ढंग से मध्याह्न भोजन भी नहीं कर पा रहा था तो हेमंत उसे एक कौने में लेकर पूछने लगा, "आखिर वह आज इतना परेशान सा क्यों है?" जिगरी दोस्त द्वारा पूछने पर महीपाल ने उसे सब-कुछ बता दिया, "अब कैसे वह मंथरा को डरा-धमका कर पाठ कर पाएगा? यह चिन्ता उसे खाये जा रही है।"
"बस इतनी सी बात है! अरे तू अभी मुझे मंथरा समझ के गाते हुए मुझे लात मारने का नाटक कर, मैं तेरे से कुछ नहीं कहूँगा। " दोस्त द्वारा मंथरा का पात्र बनते हुए उसे प्रेरित कर खूब अभिनय किया गया और महीपाल को धमकाने के नये अंदाज भी सिखाए जा रहे थे कि घंटी बज गई। इधर मध्यावकाश पूरा हुआ, उधर महीपाल का मनोबल अब लबालब। 
छुट्टी होने पर 'थैंक्यू दोस्त' कहता हुआ महीपाल उछाल मारते घर को चला जा रहा है अब। 

#संस्कार_सन्देश -
अभिनय करना एक महान कला है। इसमें मनोबल और प्रेरणा का बहुत महत्व है।

कहानीकार-
#दीवान_सिंह_कठायत (प्र०अ०) रा० आ० प्रा० वि० उडियारी बेरीनाग

✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद
#दैनिक_नैतिक_प्रभात

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