167/2025, बाल कहानी - 09 अक्टूबर


बाल कहानी - ब्राउनी की दोस्ती
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एक बार की बात है, शुभम नाम का एक शरारती लड़का था। उसे बेजुबान जानवरों को परेशान करने में बहुत मजा आता था।
उसके घर के पास एक प्यारा-सा कुत्ते का बच्चा रहता था, जिसे सब लोग प्यार से ब्राउनी कहते थे। शुभम कभी उसे धक्का दे देता, तो कभी पत्थर मारकर भगा देता, लेकिन उसकी एक अच्छी आदत भी थी, वो कभी-कभी ब्राउनी को बिस्किट खिला देता था।
एक दिन शुभम की तबियत बहुत खराब हो गई। वह कई दिनों तक घर से बाहर नहीं निकला। शुभम की मम्मी ने देखा कि जब से शुभम बीमार पड़ा है, तब से एक कुत्ते का बच्चा रोज घर के बाहर आकर बैठ जाता है, जैसे किसी का इन्तजार कर रहा हो!
एक दिन मम्मी ने यह बात शुभम को बतायी। शुभम खिड़की से बाहर देखने लगा। वह वही कुत्ते का बच्चा था- ब्राउनी!
शुभम को देखते ही ब्राउनी उसकी ओर दौड़ा और उसकी टाँगों से लिपट गया।
शुभम की आँखों में आँसू आ गए। उसे अपने किए पर बहुत पछतावा हुआ। उसने ब्राउनी को प्यार से सहलाया और बिस्किट खिलाया।
उस दिन के बाद शुभम ने तय किया कि, "वह अब कभी किसी जानवर को परेशान नहीं करेगा।
बल्कि सबके साथ प्यार और दया से पेश आएगा।"

#संस्कार_सन्देश - 
जानवर बहुत वफादार और संवेदनशील होते हैं। हमें उन्हें कभी परेशान नहीं करना चाहिए,
बल्कि उनकी रक्षा और देखभाल करनी चाहिए।

कहानीकार-
#रुखसार_परवीन (स०अ०)
संविलयन वि० गजपतिपुर
बहराइच

✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद
#दैनिक_नैतिक_प्रभात

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