173/2025, बाल कहानी- 16 अक्टूबर


बाल कहानी- ईमानदारी
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आराध्या का गाँव इटैलिया बाजा है, जो विकासखण्ड गोहाण्ड में आता है। आराध्या अपने ननिहाल ग्राम बौखर में मामा व मामी के साथ रहती है। वह प्राथमिक विद्यालय बौखर में कक्षा दो की छात्रा है। वह बहुत संस्कारी व हँसमुख स्वभाव की लड़की है। रविवार को छुट्टी के दिन आराध्या अपने मामा व मामी के साथ खेतों में गयी, जहाँ उसके नाना गायों को चरा रहे थे। खेतों में मूँगफली की फसल की कटाई चल रही थी। जो पककर तैयारी हो गई थी। उसके मामा मूँगफली के कुछ पौधे उखाड़ लाये। वहाँ पर उपस्थित सभी बच्चों ने मूँगफली को पौधों से निकालकर आग में सेंककर खाने का आनन्द लिया। सभी बच्चों को खेतों में बहुत मजा आया। धीरे-धीरे दिन ढ़लने लगा। आराध्या और मामा के बच्चे खेतों से वापस गाँव की तरफ आ रहे थे। तभी रास्ते में आराध्या को चाँदी की एक पायल रास्ते में पड़ी हुई मिली। आराध्या ने उसे उठा लिया और देखा वहाँ कोई नहीं था। उसकी कीमत लगभग तीन चार हजार रूपये रही होगी। घर आकर उसने मुहल्ले व आस-पड़ोस में सभी को पायल मिलने वाली घटना बतायी। धीरे-धीरे पूरे गाँव में शोर हो गया। रिश्तेदारी में एक औरत, जो बौखर गाँव आयी हुई थी।उसकी ही रास्ते में पायल गिर गई थी। वह औरत आराध्या के घर आयी और अपनी एक पायल दिखाते हुये बोली, "मेरी दूसरी पायल दे दो बेटा।" आराध्या ने बिना किसी संकोच के दूसरी चाँदी की पायल लौटा दी। वह औरत आराध्या की ईमानदारी देखकर बहुत खुश हुई। आराध्या के सिर पर हाथ फेरते हुये आशीर्वाद देकर चली गयी।

#संस्कार_सन्देश - 
हमें हमेशा ईमानदारी का मार्ग अपनाना चाहिए। ईमानदारी का मार्ग सदैव सच्चाई सिखाता है।

कहानीकार-
#मिथुन_भारती (स०अ०)
प्राथमिक विद्यालय बौखर
वि० क्षे०- सरीला, जनपद- हमीरपुर

✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद
#दैनिक_नैतिक_प्रभात

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