ईद उल फितर

आओ हम सब मिल-जुलकर,

 ईद का त्योहार मनाएँ।

 भुलाकर भेदभाव नफरत,

भाईचारा, प्रेम, शान्ति फैलाएँ।।


 रमजान उल मुबारक के,

 एक महीने बाद।

 मनाया जाए ईद उल फितर,

 दिखता है जब नया चाँद।।


बड़े चाव से सभी लोग,

 मीठी सेवइयाँ खाते हैं।

 देते बधाई ईद की,

 दुश्मन भी गले लगाते हैं।।


 नए-नए कपड़े पहने,

तोहफों का आदान-प्रदान।

 मिले बच्चों को ईदी,

मस्जिदों में हो दान।।


 इच्छाओं का त्याग करना,

 यह त्योहार सिखाता है।

त्याग और मजहब के लिए,

समर्पण को दर्शाता है।।


रचयिता

ज्योति विश्वकर्मा,

सहायक अध्यापिका,

पूर्व माध्यमिक विद्यालय जारी भाग 1,

विकास क्षेत्र-बड़ोखर खुर्द,

जनपद-बाँदा।

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