विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस

एक, दो, तीन, चार या पाँच दिनों की बात,

युवा महिलाओं को मिले, अपनों का साथ,

कुदरत के द्वारा बनाया नियम, मासिक धर्म,

ध्यान सदा स्वच्छता, हो सेहत की सौगात।


सहनशक्ति, असहनीय पीड़ा की निशानी,

मासिक धर्म की बात, नहीं चाहिए छिपानी,

शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य, रखें बेहतर,

समझदारी से काम, बात सबको समझानी।


माहवारी या कहें रजोधर्म के दौरान,

जरूरत पर जरा सा, मिल जाए आराम,

मासिक परीक्षा का समय, पुरुषों के गृह कार्य

खुश हो महिला सँभाल लेती, फिर सारे काम।


विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर ध्यान

मुहैया संगोष्ठी, मुफ्त सस्ता जरूरी सामान,

जिससे हेपेटाइटिस बी, सर्वाइकल कैंसर,

योनि संक्रमण बीमारियों का, काम तमाम।


हमेशा खुश रहे महिला, चेहरे पर मुस्कान,

संजोए एक नहीं, ये दो परिवारों की शान।


रचयिता

ऋषि दीक्षित, 

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय भटियार,

विकास क्षेत्र- निधौली कलाँ,

जनपद- एटा।

Comments

Post a Comment

Total Pageviews