अक्षय तृतीया

अक्षय तृतीया का दिवस है पावन, 

अवतरित हुईं आज अन्नपूर्णा माता।

आज खिलाओ भूखों को भोजन,

करता जो दान, माँ को वह भाता।।


आज ही के दिन हुए अवतरित,

सबके परमपूज्य भगवान परशुराम।

सभी भक्त जन्म दिवस मनाते,

प्रेम से लेते परशुराम का नाम।।


प्रात: उठकर करें स्नान ध्यान,

लक्ष्मीपति का पाओ वरदान। 

करना है यदि माता को खुश,

भोज्य पदार्थों दें, होगा कल्यान।।


धर्म- कर्म पूजा, यज्ञ, अनुष्ठान,

करने से सबका भरता भण्डार। 

सुख -समृद्धि जीवन में आती,

सोई किस्मत के खुलते सब द्वार।।


करो गाय की सेवा हृदय से, 

रोटी, गुड़ और खिलाओ चारा। 

हो अक्षय पुण्य की होगी प्राप्ति, 

मिले जातक को शुभ फल सारा।।


दान करें जलपात्र को लोग, 

मिट्टी का बर्तन उत्तम मानो। 

घड़ा, सुराही या हो कुछ और,

अक्षय तृतीया का सार जानो।। 


रचयिता

गीता देवी,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय मल्हौसी,

विकास खण्ड- बिधूना, 

जनपद- औरैया।

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