शिक्षा होती अनमोल

शिक्षा होती अनमोल,

कहते सारे ही बोल।

शिक्षा दीप निज उर

मनुज जलाइये।


क्रोध लोभ सब छोड़ो,

भेद भाव जग तोड़ो।

बालक हो या बालिका

विद्यालय आइये।


शुद्ध भाव यहाँ मिले,

सत शिक्षा पुष्प खिले।

शिक्षा जग का आधार

सबको बताइये।


कहता सबसे ओम,

खिलता मानव सोम।

शिक्षा शक्ति यत्न कर

सब जन पाइये।।


रचयिता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव,
सहायक अध्यापक, 
प्राथमिक विद्यालय उदयापुर, 
विकास खण्ड-भीतरगाँव,
जनपद-कानपुर नगर।

Comments

Total Pageviews