योग, हम और स्वास्थ्य

                    (1)
नासमझ है  जो कहते हैं, चलन में अल्प योग है,
अगर स्वस्थ रहना है तो सही विकल्प योग है।

सही आसन चुनकर, नियमित करो तो,
 कर सकता, हमारा काया कल्प योग है।

हमारे भारत की, दुनिया को यह अमूल्य देन है
दिनचर्या में शामिल, हमारा हर संकल्प योग है।

                    ( 2)
योग है, भारत द्वारा खोजी गयी स्वास्थ्य शिक्षा,
मन की दुष्प्रवृत्तियों का अवरोध योग है।

ऋषियों द्वारा आविष्कृत, शरीर क्रिया विज्ञान,
गीता में, कृष्ण जी  की उक्ति उक्ति योग है।

योग है, स्वास्थ्य हेतु आवश्यक क्रिया कलाप
तन और मन को स्वस्थ रखने की युक्ति योग है।

योग है, हमें निरोग रखने में मददगार,
भौतिकतावादी मानसिकता से मुक्ति ही योग है।

                     ( 3)
सारा विश्व मान चुका है, योग के महत्व को,
भारतवासियों, आप भी इसका सम्मान कीजिए।

दुनिया में प्रचार है, मगर कुछ भारतीय अंजान हैं,
योग के महत्व को, अच्छी तरह से जान लीजिए।

सीखना चाहते हैं योग, जब दुनिया के सब लोग,
व्यस्त जीवन में, योग को उचित स्थान दीजिए।

यद्यपि हम सबका, रामदेव बनना तो असम्भव है,
मगर योग के प्रचार में, कुछ तो योगदान कीजिए।

रचयिता
प्रदीप कुमार,
सहायक अध्यापक,
जूनियर हाईस्कूल बलिया-बहापुर,
विकास खण्ड-ठाकुरद्वारा,
जनपद-मुरादाबाद।

विज्ञान सह-समन्वयक,
विकास खण्ड-ठाकुरद्वारा।

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