अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक,110,संगीता भास्कर, गोरखपुर

*👩🏻‍🏫अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक*

*मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी*

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2363505073927076&id=1598220847122173
*👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तीकरण- 110*
(दिनाँक- 21 जून 2019)
नाम -संगीता भास्कर
पद- प्रधानाध्यापक
विद्यालय- प्राथमिक विद्यालय बिस्टौली, ब्लाक - जंगल कौड़िया, जनपद - गोरखपुर

*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*
👉

विद्यालय में नियुक्ति वर्ष 2018. विभाग में नियुक्ति वर्ष 2006.

विभाग द्वारा अंग्रेजी माध्यम के    विद्यालय में नियुक्ति हेतु ली गयी लिखित एवं मौखिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने के उपरांत मैने इस विद्यालय को चुना क्यों कि यहां की दशा सबसे दयनीय थी तथा बच्चे बेहद गरीब परिवारों से थे|
05 मई 2018 को मैने इस विद्यालय पर कार्यभार ग्रहण किया | विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति बेहद कम थी, पढाई का कोई माहौल नहीं था, ग्रामवासियों के अन्दर विद्यालय के प्रति रोष था, उनके अनुसार विद्यालय बन्द होने के कगार पर था |
मैने सबसे पहले उपस्थिति रजिस्टर लेकर प्रत्येक बच्चे के घर जा कर, उनके अभिभावकों को बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करना शुरू किया | किसी भी बच्चे द्वारा सही उत्तर देने पर उन्हें टाफी, चॉकलेट, पेन्सिल, रबर आदि देकर पुरस्कृत करना शुरू किया जिससे कि उनकी पढाई और विद्यालय के प्रति दिलचस्पी बढ़े | विद्यालय में छोटे बड़े कार्यक्रमों को आयोजित करना शुरू किया जिसमें अभिभावकों को भी सम्मिलित कर, उनसे बात कर, अपने और विद्यालय के प्रति उनका विश्वास प्राप्त करने का प्रयास किया |
विगत् दस महीने में ही मैने विद्यालय में पठन - पाठन का तौर तरीका पूरी तरह से बदल दिया |बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु पुस्तकालय एवं क्रीड़ा भवन का शुभारंभ किया | पारम्परिक तरीके से पढ़ाने के साथ - साथ प्रोजेक्टर लगा कर स्मार्ट क्लास का संचलन भी शुरू कर दिया | इन सभी कार्यों में होने वाले खर्च को अभी तक मैने स्वयं वहन किया है|
छात्र संख्या बढ़ाने के लिए जनसम्पर्क किया, गांव - गांव घूम कर लोगों से मिले, बच्चों को लेकर रैलियां निकाली, लोगों की समस्याओं को समझा, उनके विश्वास को जीता, तरह - तरह की प्रतियोगिता एवं कार्यक्रमों को विद्यालय पर आयोजित किया | बच्चों के साथ - साथ अभिभावकों को भी पुरस्कृत किया | लोगों में जागरूकता फैली और विद्यालय में छात्रों का नामांकन बढने के साथ ही उपस्थिति 80 प्रतिशत तक होने लगी | सत्र 2019 - 20 में नामांकन प्रारम्भ कर दिया है और कई बच्चे कान्वेंट स्कूल छोड़ कर मेरे विद्यालय में प्रवेश ले रहे हैं , जो विद्यालय में हुए परिवर्तन और गांव वालों का मेरे प्रति बढ़े विश्वास को दर्शाता है |
सुबह हिन्दी तथा अंग्रेजी माध्यम से प्रार्थना के साथ विद्यालय प्रारंभ होता है | प्रतिज्ञा, न्यूज रीडिंग, थॉट रीडिंग, राष्ट्रीय गान और फिर पी. टी. के बाद पढाई शुरू होती है | हेड ब्वाय और हेड गर्ल चुने गए बच्चे व्यवस्था सम्भालने में सहयोग करते हैं | ड्यूटी रजिस्टर के अनुसार बच्चे अपनी ड्यूटी नियमानुसार निभाते हैं | बच्चे ग्रुप में अंग्रेजी में बात करने की कोशिश करते हैं | क्रेजी ट्रेन, वर्ल्ड चेन आदि ऐक्टिविटी और 'नो बैग डे' के दिन क्राफ्ट वर्क बच्चों से कराया जाता है | खेल खेल में भी बहुत कुछ सिखाया जाता है |
सत्र 2017-18 में विज्ञान एवं क्राफ्ट की प्रदर्शनी लगायी जिसका उद्घाटन तत्कालीन बी. यस. ए. महोदय ने किया था | गोरखपुर महोत्सव एवं शिल्प मेला में स्टाल लेकर बेसिक शिक्षा परिषद को समर्पित किया | उत्तर प्रदेश में सर्वप्रथम मैने, ऐसे किसी भी महोत्सव में परिषदीय  बच्चों द्वारा बनायी गयी वस्तुओं को प्रदर्शित किया | इस 'बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट' स्टाल की खासियत यह थी कि यहाँ प्रदर्शित वस्तुएं 'नॉट फार सेल' थीं | इसके लिए मैने कुछ बच्चों को सात दिन तक अपने घर पर रखा | स्टाल पर बच्चों के साथ मै उपस्थित रही, और सारा खर्चा स्वयं वहन किया| यह स्टाल लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहा | मीडिया और जनमानस द्वारा इस कार्य की काफी प्रशंसा की गई | परिषदीय  बच्चों की प्रतिभा के चर्चे हुए ,शिक्षक साथियों का सहयोग प्राप्त हुआ और मेरे कार्यो को पहचान मिली |
सत्र 2018-19 में मदर्स डे सेलीब्रेसन और जे. ई. /ए. ई. यस. के प्रति जागरूकता हेतु फिल्म के कलाकारों की मौजूदगी मे शार्ट मूवी 'दस्तक' का प्रदर्शन तथा चाइल्ड स्पेशलिस्ट डाक्टर यस. पी. गुप्त द्वारा बच्चों का हेल्थ चेकप और बीमारी से बचाव का उपाय बताया गया | विश्व योग दिवस पर डा. प्रीति द्वारा योग प्रशिक्षण और बच्चों के दातों का चेकप हुआ |
अगस्त महीने में बच्चों के नामांकन हेतु चल रहे 'संकल्प अभियान' के अन्तर्गत ग्रामवासियों को अपने बच्चों को शिक्षित करने का संकल्प, कपड़े पर उनके हथेली के छाप और दस्तखत कराया गया जिसमें विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक साथियों ने भी प्रतिभाग किया |
यस.यस.बी. के जवानों को बच्चों द्वारा बनायी गयी राखियां भेंट की गई | स्वतंत्रता दिवस पर एजूकेशनल किट वितरित किया गया | विद्यालय परिवार के साथ ग्रामवासियों को लेकर वृहद पैमाने पर पौधरोपण का कार्य हुआ| तालीम सप्ताह मनाया गया | गांव के नवोदित कलाकारों को पुरस्कृत किया गया |इनरव्हील्स द्वारा लगाये गए दीवाली उद्गम मेले मे स्टाल लेकर बच्चों द्वारा बनाए गये दीपों, तोरणों एवं सजावटी वस्तुओं के साथ अपनी पेन्टिंग्स का प्रदर्शन किया जिसमें बी.एस. ए. महोदय  भी उपस्थित रहे |विद्यालय में 'एक दीया शिक्षा के नाम' दीपोत्सव कार्यक्रम किया जिसमें अभिभावकों और विभिन्न विद्यालय के शिक्षक साथियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया | नारी सशक्तिकरण अभियान के अन्तर्गत एक महीने तक लगातार कोई न कोई कार्यक्रम प्रत्येक दिन कराया |
इस वर्ष पुन: गोरखपुर महोत्सव में स्टाल लेकर बेसिक को समर्पित किया | महोत्सव में हुए प्रतियोगिताओं में विद्यालय के एक बच्चे को द्वितीय पुरस्कार एवं दो बच्चों को प्रमाण पत्र मिला |14 फरवरी को बच्चों द्वारा ग्रामवासियों में पुष्प वितरित करा कर बच्चों के नामांकन हेतु अभियान चलाया गया | 10 मार्च को विद्यालय में वार्षिक मेले का आयोजन किया, साल भर की परफॉरमेन्स के आधार पर बच्चों को पुरस्कृत करने के साथ ही पुस्तकालय / क्रीड़ा भवन के  उद्घाटन और प्रोजेक्टर लगा कर स्मार्ट क्लास का विधिवत संचालन शुरु किया, जिसका खर्च मैने स्वयं वहन किया | विद्यालय से संबंधित कार्यो के अलावा विद्यालय से उत्तीर्ण हो चुके कुछ बच्चों की आगे की  पढ़ाई का खर्च भी मै वहन करती हूँ, जिसमें से एक बच्ची ने 10वीं की परीक्षा 83 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण किया है |
मै समझती हूँ कि शिक्षण कार्य को एक नौकरी तक ही सीमित न रख कर हम शिक्षक अपने अन्दर यह विश्वास जगा लें कि हम बच्चों के भविष्य के निर्माता हैं और भेद भाव मुक्त, स्वस्थ, शिक्षित समाज के निर्माण का जज्बा रखते हैं,तभी हम बच्चों के उज्ज्वल भविष्य निर्माण में सफल भूमिका निभा सकेंगे
_✏संकलन_
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद।*

Comments

Total Pageviews