आओ बच्चों तुम्हें बतायें

आओ बच्चों तुम्हें बतायें
सबक की बातें कुछ,
करो अगर अमल इन पर
जीवन न बनेगा तुच्छ।।

पहली सीख लो मेले से
जहाँ बच्चों की जीभ ललचाई,
मुँह पानी भर आया देख
चाट, टिक्की, पपड़ी, मिठाई,
खुले भोज पर बैठे मक्खी
पैरों संग बीमारी लाई,
याद रखो ये सबक बच्चों
खाओ वहाँ जहाँ हो सफाई।।

दूजी बात है खेल की
बनता जिससे पुष्ट तन,
स्वस्थ शरीर स्वस्थ मस्तक
दुर्बल काया ना भाय मन,
परमात्मा की अनमोल धरोहर
बिन दाम बिन खर्चे धन,
स्वच्छ रहो-स्वस्थ रहो
नारा ये फैलाओ जन-जन।।

 शराब, चोरी, धूम्रपान की लत
बिना दर्द के इनकी मार,
धीरे धीरे बढ़ाते पैर
रह जाते फिर दिन चार,
परिवार पूरा होता शोषित
खुल जाता है नरक द्वार,
दूरी बनाओ इन व्यसनों से
हो जीवन सद्जन सा पार।।

रचयिता
योगेश कुमार,
सहायक अध्यापक,
नंगला काशी 
विकास खण्ड-धौलाना,
जनपद-हापुड़।
 

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