शिक्षादीप जलाते हैं

संस्कार और ज्ञान का,
उजियारा हम फैलाते हैं,
सद्गुण और सदाचरण,
बच्चों को सिखाते हैं।

शिक्षक हैं हम राष्ट्र के,
शिक्षादीप जलाते हैं।

स्वस्थ शरीर, स्वस्थ मस्तिष्क,
का संदेश दे जाते हैं,
कहीं कोई भी अड़चन आये,
समस्या हम सुलझाते हैं।

शिक्षक हैं हम राष्ट्र के,
शिक्षादीप जलाते हैं।

बालकों के नीरस जीवन को,
हम रसपूर्ण बनाते हैं,
बालक हो या हो बालिका,
बराबरी का पाठ सिखाते हैं।

शिक्षक हैं हम राष्ट्र के,
शिक्षादीप जलाते हैं।

मूर्तिकार हम समाज के,
पत्थर को तराशते हैं,
कच्ची मिट्टी के बालक को,
नेकदिल इन्सान बनाते हैं।

शिक्षक हैं हम राष्ट्र के,
शिक्षादीप जलाते हैं।

रचयिता
पूजा सचान,
सहायक अध्यापक,
English Medium 
Primary School Maseni,
Block-Barhpur,
District-FARRUKHABAD.

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