काव्यांजलि

*#काव्यांजलि*
टीम # *मिशन शिक्षण संवाद* की ओर से कविताओं का नया संग्रह,

🔵🔴 *#काव्यांजलि_2136* 🔴🔵

दिनांक- शुक्रवार, 23.02.2024~~~~~

कक्षा- 4
विषय- पर्यावरण 
पाठ-2

*स्थानीय पेशे एवं व्यवसाय*

कुर्सी, मेज, खिड़की, दरवाजे,
सोफा, बेड लकड़ी के बनाते ।।
छेनी, बर्मा, रेती, हथौड़ी संग,
लकड़ी के कारीगर बढ़ई कहलाते।।

मिट्टी से कलाकारी करके,
कुल्हड़, घड़े, दिये बनाते।
चाक और गीली मिट्टी से,
कुम्हार मिट्टी के बर्तन बनाते।।

कपड़े सिलते तरह-तरह के,
कैंची, धागा, सुई, इंचीटेप से।
एक दर्जी के हुनर के कारण,
नये वस्त्र हमको मिल पाते।।

किसान खेत में हल चलाते,
भोजन हेतु अन्न उपजाते।
लोहार हैं लोहे के कारीगर,
मोची चप्पल-जूते बनाते।।

🙏🏻 *रचना*
पुष्पा पटेल (प्र०अ०)
प्रा० वि० संग्रामपुर
ब्लॉक- चित्रकूट
जनपद- चित्रकूट

✏️ *संकलन*
📝 *काव्यांजलि टीम,*
*मिशन शिक्षण संवाद*

# *काव्याँजलि*#
टीम *मिशन शिक्षण संवाद* की ओर से कविताओं का नया संग्रह

🔵🟣 *काव्याॅंजलि  1059* 🟣🔵 
दिनाँक- 23/02/2024, दिन- शुक्रवार

कक्षा-  3
विषय-  हिन्दी (रिमझिम)
*पाठ–बन्दर बाँट*

भूखी-प्यासी दो बिल्लियाँ,
तलाश में आई भोजन की।
दुवा-सलाम हुई आपस में,
करने लगी तलाश भोजन की।।

महक लगी रोटी की,
काली, सफेद दोनों को।
दिखी मेज पर उन्हें रोटी,
काली लपकी रोटी को।।

काली बिल्ली रोटी लेकर,
तुरन्त भागने लगती है।
सफेद बोली रुक जा तू,
रोटी तो यह मेरी है।।

काली बोली रोटी मेरी,
आपस में लगी झगड़ने।
बंँटवारा इसका करवाते हैं,
निर्णय लिया दोनों ने।।

🙏रचना-:
गोविन्द बल्लभ भट्ट (प्र०अ०) 
रा० आ० प्रा० वि० अजेडा 
डीडीहाट, पिथौरागढ़ 

📝 *काव्याँजलि टीम, मिशन शिक्षण संवाद- उत्तराखण्ड*

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