विश्व रक्तदान दिवस

चलो! आज रक्तदान करो,

पुण्य कार्य यह महान करो। 


दुर्घटना, बीमारी या चोट से,

खून की कमी हो सकता है।

अपने-पराये का भेद नहीं,

किसी को भी चढ़ सकता है।।


 जीवन बचाने को महादान करो,

 चलो! आज  तुम रक्तदान करो। 


रक्त का बूँद-बूँद जीवन देता,

रक्तदाता होने का वचन देना। 

रक्तदान से ना होती कमजोरी,

शरीर स्वयं बनाकर करती पूरी।।


हर रक्तदाता का तुम सम्मान करो,

चलो! आज  तुम  रक्तदान  करो।

 

बडे़, बूढ़े और जवान करेंगे रक्तदान 

20 से ऊपर स्वस्थ की हो पहचान। 

हर रक्त वर्ग ग्रुप में, इसे संचित करें,

दुर्लभ व्याधियों में, डॉक्टर वितरित करें।।


हर क्षेत्र में ऊँचा, देश का मान करो,

चलो! आज तुम  रक्तदान करो।। 


एक यूनिट रक्त से हम,

देश रक्षक बन सकते हैं। 

वक्त रहते मिले रक्त सभी को,

 देश हित में कार्य कर सकते हैं।।


 स्वैच्छिक रक्तदाता का संकल्प ज्ञान करो,

 चलो! आज  तुम  रक्तदान  करो।। 


रक्तदान दिवस का उद्देश्य संज्ञान करो,

जन-जागरूकता से भ्रांति निदान करो।

कार्ल लैडंस्टीन की जयंती पर,

रक्तदाता बन तुम  योगदान करो।


चलो! आज  तुम  रक्तदान करो,

पुण्य  कार्य  यह  महान करो।। 


रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

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