निपुण भारत

एक ही लक्ष्य, एक ही नारा, 

निपुण भारत मिशन हमारा।


3 साल मे स्कूल आएँ, 

खेल कूद कर ज्ञान बढ़ाएँ, 

घर बाहर की चीज बताएँ, 

खिल खिलाएँ, मुस्कुराएँ।


घर जैसा परिवेश जो होगा, 

तभी सफल अभियान ये होगा।


अपनी भाषा में ये बोलें, 

खेल खिलौनों से ये खेलें, 

गीत कविताओं से सीखें, 

मन की बातों को वो खोलें।


अभिभावक भी साथ जो होगा, 

तभी सफल अभियान ये होगा।


पहले ध्वनियों को पहचानें, 

ध्वनियों से अक्षर को जानें, 

अक्षर से फिर शब्द बनाएँ, 

शब्दों के अर्थों को जानें।


भाषा लक्ष्य प्राप्त जो होगा,

तभी सफल अभियान ये होगा।


पहले वस्तुओं को वो जानें, 

गिनकर वस्तुओं को पहचानें, 

खेल-खेल में गिनना सीखें, 

बाद प्रतीकों को वो जानें।


गणित लक्ष्य प्राप्त जो होगा, 

तभी सफल अभियान ये होगा।


आँगनबाड़ी, बालवाटिका से आएँ जब कक्षा 3 तक, 

पढ़ लिख कर अर्थ को समझें, पहचानें संख्या 9999 तक।


जब हर बच्चा साक्षर होगा, 

तभी सफल अभियान ये होगा।

 

रचयिता

पंकज लता मिश्रा, 

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय छितौनी शाहपुर चगौना,

विकास खण्ड-अहिरौला,

जनपद-आजमगढ़।



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