योग दिवस

सादा जीवन उच्च विचार,

योग से करो सदा प्यार।

        पंचतत्व का मेल है यह काया,

        बीमार करके करो ना जाया।

प्राणायाम और आध्यात्म अपनाओ,

जीवन को अपने सक्रिय बनाओ।

        योग जगत का सार है, गुण हैं इसमें हजार,

        महिमा इसकी जानो, सुख पाओगे अपार।

स्वस्थ होगा तन हमारा, आए शुद्ध विचार,

पतंजलि के योग से, हो तन स्वस्थ हमार।

          ऋषि, मुनि, योगी, ज्ञानी योग का देते ज्ञान,

          कलयुग में अपनाओ उसको, हो रोग निदान।

योग दिवस और निर्जला एकादशी दोनों शुभ विचार,

शुभकामनाएँ सभी को खुशियाँ मिलें अपार।

           दमा, हृदय रोग, रक्तचाप का इसमें सरल उपचार,

          आसनों का प्रयोग पोषित करे शरीर, सुंदर हो विचार।

आओ हम सब योग करें लगाकर सतत ध्यान,

भारत हो योग विश्व गुरु ऊँचा हो इसका नाम।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।

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