महादान

तर्ज-ले के पहला-पहला प्यार


आओ करें रक्तदान,

क्योंकि ये है महादान,

है इससे बड़ा ना,

जग में कोई दान।


रक्त की कमी से,

ना जाए जान किसी की,

उजड़े ना दुनिया,

कभी भी किसी की।

हाय करके हम रक्तदान,

बचाएँ हम किसी की जान।

है इससे बड़ा ना,

जग में कोई दान।

आओ करें.....


माना इंसानों में,

कई जात-पात होती।

रक्त की दुनिया में,

ना कोई जात होती।

हाय रखें मानवता का मान,

हम सब हैं इन्सान।

है इससे बड़ा ना,

जग में कोई भी दान।

आओ करें....


बनाने अगर हो,

खून के रिश्ते।

रक्तदान करके,

जाओ बन फरिश्ते।

हाय है ये बड़ा नेक काम,

ना लेना कभी इसका दाम

है इससे बड़ा ना,

जग में कोई दान।

आओ करें.....


रचनाकार

सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।

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