बाल मजदूरी निषेध दिवस

आज है एक विशेष दिवस,

बच्चों को बचाए मजदूरी निषेध दिवस।

यह तो छोटे बच्चे हैं, 

सपने इनके कच्चे हैं,

गुड्डे गुड़ियों संग खेलेंगे।

मजदूरी बिल्कुल छोड़ेंगे।।

नन्हीं  डाली पनपने दो,

फूल इन पर खिलने दो।

बाल मजदूरी है अभिशाप।।

अभिशाप से मुक्त करो इनको,

कुछ कर गुज़रने दो।।

पढ़ लिखकर कुछ बन जाएँगे,

नाम सबका करने दो।।

मात, पिता गुरु की सेवा में ही फलने दो।

आओ आज यह प्रण करें,

बालक, बालिका साक्षर बनें।।


रचयिता
सीमा अग्रवाल,
सेवानिवृत्त सहायक अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय हाफ़िज़पुर उबारपुर,
विकास क्षेत्र - हापुड़,
जनपद - हापुड़।

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